बिहार को मिले बारह हजार करोड़!
(शरद)
नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल
की आर्थिक कार्य समिति ने बिहार के लिए विशेष योजना बारहवीं पंचवर्षीय योजना की
कुल अवधि में बारह हजार करोड़ रुपये के आवंटन के साथ शेष चार वर्षों में भी जारी
रखने को मंजूरी दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कल नई दिल्ली में
पत्रकारों को बताया कि यह पैकेज पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत मंजूर किया गया
है।
श्री तिवारी ने बताया कि आर्थिक मामलों
की केबिनेट समिति ने बिहार के लिए स्वीकृति दी है कि अगले चार वर्ष के लिए जो
बारहवीं पंचवर्षीय योजना के साल बचे हैं बारह हजार करोड़ रूपया इसके तहत बिहार
प्रदेश में खर्चा जाएगा। श्री तिवारी ने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल ने बोलांगीर और
कोरापुट जिलों के लिए भी विशेष योजना को मंजूरी दी है।
कालाहांडी, बोलांगीर और कोरापुट के जिले हैं उसमें
ढाई सौ करोड़ रूपये बेकवर्ड ग्रांट रीजन फंड के तहत मंजूर किया गया है। श्री तिवारी
ने बताया कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे की समस्या
से निपटने की योजना लागू करने के वास्ते भी विशेष पैकेज जारी रहेगा। केन्द्रीय
मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने इसे भी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि जो
सूखाग्रस्त इलाके हैं, उत्तर प्रदेश में जो बुंदेलखंड रीजन है और बुंदेलखण्ड का जो हिस्सा
मध्यप्रदेश में भी पड़ता है वहां पर अगले चार वर्षों में २०१३-१४ से लेकर २०१६-१७
तक ४४ सौ करोड़ रूपये की मंजूरी दी है।
इसके साथ ही साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने
राष्ट्रीय बाल नीति २०१२ को भी स्वीकृति दे दी। इसमें १८ वर्ष से कम आयु के हर
व्यक्ति को बालक माना गया है। इस नीति में हर बच्चे के जीवन पाने, जीवित रहने, विकास के अधिकार और बिना किसी भेदभाव के
शिक्षा पाने के अधिकार सहित मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए गए हैं।
पत्रकारों ने पूछा कि बिहार के लिए
विशेष पैकेज क्या जनता दल यूनाइटेड और भाजपा के संबंधों में तनाव को देखते हुए
मंजूर किया गया है ? इस पर श्री तिवारी ने मंत्रिमंडल के फैसले के पीछे किसी तरह की राजनीति
से इनकार किया है। उधर, भारतीय जनता पार्टी ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य के साथ
न्याय नहीं हुआ।
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