रविवार, 7 अप्रैल 2013

चुनाव आते ही बढ़ने लगी सियासी कदमताल


चुनाव आते ही बढ़ने लगी सियासी कदमताल

(अब्दुल रशीद)

भोपाल (साई)। जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहा है वैसे वैसे राजनैतिक सरगर्मियाँ तेज हो रही है। अब बदहाल और अधमरा सा दिखने वाले आम आदमी का दर्द सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को हि सताने लगा है। जहां विपक्ष के पास आरोपों का अंबार है वहीं सत्ता पक्ष के पास घोषनाओं का भंडार है। लेकिन सबसे अहम सवाल यह है की ऐसी राजनैतिक सरगर्मी चुनाव के वक्त ही क्यों दिखती है। दरअसल इसका सीधा सा संबंध सत्ता की चाभी से है जो आम आदमी के वोट के रूप में आम आदमी के पास रहता है। यह बेहद दिलचस्प बात है की जिन्हें आम लोगों से वाकई सरोकार होता है वे बिना किसी पद या चुनाव जीते भी आम आदमी का भला कर सकता है, क्योंकि आम जनता को निष्पक्ष न्याय,दो वक्त कि रोटी, स्वस्थ्य वातावरण और सुरक्षित भविष्य के अलावा चाहिए ही क्या? चूँकि वे अपने देश के संविधान के द्वारा दिए गए अधिकारों से अनभिज्ञ होते हैं,ऐसे में उनको उनका हक़ दिला दिया जाए इतना ही कर देने से देश में विकास की गंगा बह सकती है और ऐसा कोई भी राष्ट्रीय पार्टी कर सकता है, बशर्ते उस पार्टी में काम करने की इच्छाशक्ति हो। बीते दिनों अ.भा. कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देंश पर कांग्रेस की प्रदेशव्यापी परिवर्तन यात्रा का शुभारंभ सीधी जिले के धौहनी विधान सभा क्षेत्र के सुदूर आदिवासी अंचल टिकरी से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह की उपस्थिति में हुआ। ऐसा कहा जा रहा है यह परिवर्तन यात्रा राज्य के सभी 230 विधान सभा क्षेत्रों में आयोजित होगी। तो क्या यह मान लिया जाए की यह परिवर्तन यात्रा आम जनता के हक़ के लिए किया जा रहा है,यदि ऐसा है तो पहले ऐसी पहल क्यों नहीं की गई। कहीं ऐसा तो नहीं यह परिवर्तन यात्रा बस सत्ता हासिल करने के लिए है.
0 कांग्रेस का आरोप
मध्य प्रदेश  कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया अंचल की पहली विशाल आमसभा को संबोधित करते हुए भूरिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूंजीपतियों के इशारे पर पूरे प्रदेश में आदिवासियों और दलितों की जमीन कौड़ियों के भाव छीन ली हैं। उचित मुआवजा तो दूर की बात है उन्हें रहने तक की जमीन नहीं छोड़ी है। शिवराज सरकार के राज में 27 हजार से अधिक बलात्कार हुए हैं। पूरे देश में महिला उत्पीड़न, कुपोषण, बलात्कार, अपराध में एक नम्बर पर है। कांगेस की सरकार के जमाने में दलितों और आदिवासियों को एक बत्ती कनेक्शन मुफ्त में दिया जाता था और सभी किसानों को 5 हार्स पावर की बिजली मुफ्त थी जिसे भाजपा सरकार ने बंद कर दिया है। कांग्रेस की सरकार बनने पर हम वापस एक बत्ती कनेक्शन एवं किसानों को 5 हार्स पावर के सिंचाई पम्प पर मुफ्त में बिजली बहाल करेंगे। केन्द्र सरकार ने विगत तीन वर्षाे मेंप्रदेश सरकार को 32 हजार करोड़ से अधिक की राशि विकास योजनाओं के लिये दी, लेकिन सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा सरकार ने उसे कहां खर्च किया, वह धनराशि कौन खा गया, मुख्यमंत्री उसका हिसाब ही नहीं दे पा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने परिवर्तन यात्रा को प्रदेश की जनता को भाजपाई शोषण से मुक्त करने के लिए जरूरी बताते हुए प्रदेश सरकार की जमकर खबर ली। आपने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया को भरोसा दिलाया कि सीधी-सिंगरौली जिले की सातों विधानसभा क्षेत्रों में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का परचम लहरायेगा। वे अपने जिलों की जनता की तरफ से यह वादा करते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीधी लोकसभा के उपचुनाव में हुई पराजय की पीड़ा मुख्यमंत्री बर्दाश्त नही कर पाये और सीधी जिले के दो टुकड़े कर दिया। मुख्यमंत्री सीधी को गोद लेने की घोषणा करते हैं और सिंगरौली को सिंगापुर बनाने का सपना दिखाते हैं। अविभाजित सीधी जिले को सीमाएं बनाकर प्रशासनिक रूप से शिवराज सिंह अलग कर सकते हैं लेकिन हमारे दिलों को कैसे अलग कर सकते हैं। आज फिर वहीं परीक्षा सीधी-सिंगरौली जिले की जनता को देना है कि वह दाऊ साहब कुंवर अर्जुन सिंह की कर्मभूमि में भाजपा का कुटिल हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगी और झूठे घोषणावीर को सबक सिखायेगी। नेता प्रतिपक्ष ने पूरे प्रदेश में चल रहे जंगल राज एवं भ्रष्टाचार के लिये भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों को कठघरे में खड़ा किया। यदि सभी आरोपों को सच मान भी लिया जाए और यह भी मान लिया जाए के शिवराज सिंह चौहान घोषणावीर है, तो क्या ऐसा मान लेने से सिंगरौली में बढता प्रदूषण का स्तर घट जाएगा। क्या इस सच्चाई से  इनकार किया जा सकता है की सिंगरौली जिले में जो बिजली घर बिजली पैदा कर महानगरों को रौशन कर रहा है और राख से सिंगरौली को पाट रहा है वह कांग्रेस के द्वारा दशको पुर्व दिया गया सौगात नहीं। क्या ऐसा करके कांग्रेस ने सिंगरौली के लोगों के साथ इंसाफ किया था। परिवर्तन रैली से जनता का भला होगा या कांग्रेस कि सत्ता पाने की ललक पूरी होगी यह तो भविष्य के गर्भ में छुपा है हां इतना तो तय है कि सियासत के दो पाटों में आम जनता को ही पिसना है।

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