जिले में बढ़ रहा है मलेरिया का कहर रोगियों की तादाद में हुई छः गुना बढोत्तरी
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। मौसम के बदलते सुर से मच्छरों के लिए उपजाऊ माहौल तैयार होता दिख रहा है। शहर में नाकारा नगर पालिका परिषद की फागिंग मशीन शोभा की सुपारी बनी हुई है। नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। इस माहौल में मच्छरों के लिए सिवनी स्वर्ग बनकर रह गया है।
जिला चिकित्सालय के मलेरिया विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक गत वर्ष की तुलना में चालू सत्र में मलेरिया पॉजीटिव रोगियों की संख्या लगभग 6 गुना अधिक बढ़ गई है। जबकि ठण्ड के मौसम में भी मच्छरों की संख्या में विशेष कमी नहीं आई, और गत वर्ष की तुलना में यह आंकड़े अब तो और भी ज्यादा हो जाएंगे इससे इंकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि गर्मी के मौसम ने दस्तक दे ही दी है।
गत वर्ष जहां 179930 बीमार लोगों के स्लाईडों की जांच हुई थी वहीं इस वर्ष मलेरिया रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़कर 180384 से भी कहीं ऊपर निकल चुकी हैै। प्राप्त जानकारी के अनुसार 01 जनवरी से 31 दिसंबर तक जहां मलेरिया पॉजीटिव रोगियों की संख्या 119 ही थी वहीं जनवरी से दिसंबर 13 तक यह 765 से भी ऊपर निकल चुकी थी। जो अपने आप में काफी अधिक है। इस के साथ ही साथ 349 फाल्सीफेरम मलेरिया के रोगी भी सामने आए।
वर्ष 2013 में अत्याधिक वर्षा के चलते जगह-जगह जल भराव की स्थिति बनी होने के कारण तथा घरों में रखे खाली बर्तन, टायर, गमले, टंकी आदि में अधिक दिनों तक पानी स्टोर रहने के कारण मलेरिया रोगियों की संख्या में जहां इजाफा हुआ वहीं मलेरिया पॉजीटिव की संख्या में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका,, नगर पंचायतों में व्यापक दवाओं का छिड़काव भी किया गया और खाली कन्टेनरों में भरा पानी को बहाया गया। इन सबके बावजूद मलेरिया व डेंगू रोग पर समय रहते नियंत्रण पाने में स्वास्थ्य विभाग विफल ही साबित हुआ है।
ज्ञातव्य है कि जिले के अनेक वार्डों में डेंगू के मरीज मिले थे और उनका उपचार जिला चिकित्सालय में किया गया था। वहीं मलेरिया विभाग द्वारा जिन क्षेत्रों में डेंगू की संभावना बताई गई थी वहां लगातार टेमोफॉस का छिड़काव कराया गया इसके अलावा पायरोथिन दवा से फागिंग मशीन से धुआं कराते हुए मच्छरों के विनिष्टिकरण और उनके काटने पर रोग की संभावना निष्क्रिय करने की कोशिश की गई। लेकिन एडीज मच्छरों का लार्वा शहर के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह समाप्त नहीं किया गया। फलस्वरूप डेंगू के मरीजों के मिलने का क्रम अभी भी लगातार जारी है। इसके साथ ही मलेरिया रोगियों की संख्या में अभी भी वृद्धि बनी ही हुई है।
एडीज मच्छरों को निष्क्रिय करने के लिए शहर में धुआं छोड़कर बचाव के जो प्रयास फागिंग मशीन से किए जा रहे हैं, बताया जाता है कि वह मशीन इन दिनों बीमार पड़ी हुई है। समय-समय पर फॉगिंग मशीन के बिगड़ जाने से मलेरिया विभाग का पायरोथिन दवा जो धुआं के द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों मंो छोड़ा जाना था वह बंद पड़ जाता है। ऐसी परिस्थितियों में रोग के बढऩे के आसार भी नजर आने लगे हैं।
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। मौसम के बदलते सुर से मच्छरों के लिए उपजाऊ माहौल तैयार होता दिख रहा है। शहर में नाकारा नगर पालिका परिषद की फागिंग मशीन शोभा की सुपारी बनी हुई है। नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। इस माहौल में मच्छरों के लिए सिवनी स्वर्ग बनकर रह गया है।
जिला चिकित्सालय के मलेरिया विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक गत वर्ष की तुलना में चालू सत्र में मलेरिया पॉजीटिव रोगियों की संख्या लगभग 6 गुना अधिक बढ़ गई है। जबकि ठण्ड के मौसम में भी मच्छरों की संख्या में विशेष कमी नहीं आई, और गत वर्ष की तुलना में यह आंकड़े अब तो और भी ज्यादा हो जाएंगे इससे इंकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि गर्मी के मौसम ने दस्तक दे ही दी है।
गत वर्ष जहां 179930 बीमार लोगों के स्लाईडों की जांच हुई थी वहीं इस वर्ष मलेरिया रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़कर 180384 से भी कहीं ऊपर निकल चुकी हैै। प्राप्त जानकारी के अनुसार 01 जनवरी से 31 दिसंबर तक जहां मलेरिया पॉजीटिव रोगियों की संख्या 119 ही थी वहीं जनवरी से दिसंबर 13 तक यह 765 से भी ऊपर निकल चुकी थी। जो अपने आप में काफी अधिक है। इस के साथ ही साथ 349 फाल्सीफेरम मलेरिया के रोगी भी सामने आए।
वर्ष 2013 में अत्याधिक वर्षा के चलते जगह-जगह जल भराव की स्थिति बनी होने के कारण तथा घरों में रखे खाली बर्तन, टायर, गमले, टंकी आदि में अधिक दिनों तक पानी स्टोर रहने के कारण मलेरिया रोगियों की संख्या में जहां इजाफा हुआ वहीं मलेरिया पॉजीटिव की संख्या में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका,, नगर पंचायतों में व्यापक दवाओं का छिड़काव भी किया गया और खाली कन्टेनरों में भरा पानी को बहाया गया। इन सबके बावजूद मलेरिया व डेंगू रोग पर समय रहते नियंत्रण पाने में स्वास्थ्य विभाग विफल ही साबित हुआ है।
ज्ञातव्य है कि जिले के अनेक वार्डों में डेंगू के मरीज मिले थे और उनका उपचार जिला चिकित्सालय में किया गया था। वहीं मलेरिया विभाग द्वारा जिन क्षेत्रों में डेंगू की संभावना बताई गई थी वहां लगातार टेमोफॉस का छिड़काव कराया गया इसके अलावा पायरोथिन दवा से फागिंग मशीन से धुआं कराते हुए मच्छरों के विनिष्टिकरण और उनके काटने पर रोग की संभावना निष्क्रिय करने की कोशिश की गई। लेकिन एडीज मच्छरों का लार्वा शहर के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह समाप्त नहीं किया गया। फलस्वरूप डेंगू के मरीजों के मिलने का क्रम अभी भी लगातार जारी है। इसके साथ ही मलेरिया रोगियों की संख्या में अभी भी वृद्धि बनी ही हुई है।
एडीज मच्छरों को निष्क्रिय करने के लिए शहर में धुआं छोड़कर बचाव के जो प्रयास फागिंग मशीन से किए जा रहे हैं, बताया जाता है कि वह मशीन इन दिनों बीमार पड़ी हुई है। समय-समय पर फॉगिंग मशीन के बिगड़ जाने से मलेरिया विभाग का पायरोथिन दवा जो धुआं के द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों मंो छोड़ा जाना था वह बंद पड़ जाता है। ऐसी परिस्थितियों में रोग के बढऩे के आसार भी नजर आने लगे हैं।
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