मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

गठबंधन धर्म भी तरीके से नहीं निभाया मनमोहन ने


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 62

गठबंधन धर्म भी तरीके से नहीं निभाया मनमोहन ने

सहयोगी दलों को भी करना पड़ा कोर्ट कचहरी का सामना



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मनमोहन सिंह भले ही गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म के उपर मानकर सर्वोपरि समझा जा रहा हो, पर सत्यता तो यह है कि वजीरेआजम डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा ठीक तरीके से गठबंधन धर्म का पालन भी नहीं किया जा सका है। सत्ता में शामिल दलों के नेताओं को भी जनता के सामने अपमान का घूंट पीकर अंततः जेल जाने पर मजबूर होना पड़ा है, जिससे सहयोगी दलों को भी मनमोहन सिंह फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के सहयोगी दलों के वरिष्ठ सदस्यों को साल भर लानत मलानत झेलनी पड़ी। साल भर आलम यह रहा कि कांग्रेस और सरकार में शामिल अन्य सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेता या तो जेल जाते रहे या अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 2009 में दूसरी बार बनी सरकार के बाद सामने आए भ्रष्टाचार, घपले, घोटालों के बाद न केवल कांग्रेस वरन् उसके सहयोगी दल भी असहज ही महसूस कर रहे हैं। लोगों को डर है कि पता नहीं कब किसकी लाटरी लग जाए और उसे जेल जाना पड़े। कहा जा रहा है कि सहयोगी दल भी अब लामबंद होने लगे हैं कि किसी तरह मनमोहन सिंह को वजीरे आजम की कुर्सी से उतार दिया जाए।

(क्रमशः जारी)

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