बुधवार, 30 मई 2012

मूल काम से भटके राजीव शुक्ला


मूल काम से भटके राजीव शुक्ला

कांग्रेस में पत्रकार मंत्री पर प्रवक्ताओं का टोटा

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। पत्रकारिता की सीढी से चढ़कर सांसद और फिर मंत्री बने राजीव शुक्ला इन दिनों पत्रकारिता लगभग भूल चुके हैं। केंद्र में लाल बत्ती की मलाई चखने के साथ ही देश की सबसे धनाड्य संस्था बीसीसीआई में राजीव शुक्ला का सिक्का चल रहा है। मूलतः पत्रकार कांग्रेस के राज्य सभा सांसद राजीव शुक्ला के रहते कांग्रेस में प्रवक्ताओं की तोपें खामोश बैठी हैं। सिंघवी के सीडी प्रकरण के बाद अब कांग्रेस में प्रवक्ताओं की खोज जमकर की जा रही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार पत्रकार संसद सदस्य राजीव शुक्ला के अलावा प्रधानमंत्री के मीडिया एडवाईजर की भूमिका भी सरकार और कांग्रेस के पक्ष में साफ नजर नहीं आ रही है। मूलतः कांग्रेस को मीडिया में जिंदा रखने के लिए राजीव शुक्ला को बतौर राज्य सभा सांसद बनाया गया था, पर सांसद बनने के बाद राजीव शुक्ला अपना मूल काम छोड़ प्रबंधन में जुट गए और लाल बत्ती प्राप्त कर ली।
अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी द्वारा काफी हद तक कांग्रेस के लिए मीडिया में मोर्चा संभाला हुआ था, किन्तु जब उनका सीडी प्रकरण सामने आया तब उन्हें इस पद से त्याग पत्र देना पड़ा। सिंघवी के त्यागपत्र देने के बाद कांग्रेस का मीडिया प्रभाग लगभग मौन ही हो गया है। तेज तर्रार प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी की तोप भी खामोशी अख्तिायार किए हुए है। दिग्विजय सिंह के धुर विरोधी सत्यव्रत बहुत सधे कदमों से चल रहे हैं। जल्द ही चतुर्वेदी की ताजपोशी दिग्विजय सिंह के स्थान पर उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव के बतौर हो सकती है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के भरोसेमंद सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के मीडिया प्रभाग के चेयरपर्सन जनार्दन द्विवेदी ने पिछले दिनों कांग्रेस में प्रवक्ताओं की कमी का दुखड़ा सोनिया के सामने रोया। द्विवेदी ने मनीष तिवारी के काम पर संतोष नहीं जताया। वहीं राशिद अल्वी और रेनुका चौधरी का प्रदर्शन भी औसत ही आंका गया है।
जैसे ही यह बात कांग्रेस की सियासी फिजां में तैरी वैसे ही प्रवक्ताओं के लिए खेमेबाजी आरंभ हो गई है। प्रवक्ता पद के लिए सत्यव्रत चतुर्वेदी, संजय निरूपम, पी.सी.चाको, मणिशंकर अय्यर के साथ ही साथ मध्य प्रदेश के क्षत्रप सुरेश पचौरी और कमल नाथ का नाम भी सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि पचौरी और नाथ के मीडिया से बेहद करीबी ताल्लुकात हैं, जिनका फायदा कांग्रेस द्वारा उठाया जा सकता है।

मोदी के लिए जेतली हैं सबसे बड़ा खतरा!

मोदी के लिए जेतली हैं सबसे बड़ा खतरा!

सुषमा स्वराज और गड़करी भी हैं पीएम के दावेदार

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। मिशन 2014 में जुटी भारतीय जनता पार्टी द्वारा आम चुनावों में एल.के.आड़वाणी के उपरांत वजीरे आजम कतार में अर्थात पीएम इन वेटिंग के खाली फ्रेम में किसकी तस्वीर फिट की जाए इस बारे में बहस तेज हो गई है। पीएम के दावेदारों में नेता प्रतिपक्ष लोकसभा सुषमा स्वराज, राज्य सभा में विपक्ष नेता अरूण जेतली, भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी भी गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी के साथ ही साथ दबे पांव उम्मीदवारी जतलाने में जुटे हुए हैं।

भाजपा के पितृ संगठन संघ की मंशा कि 75 साल को पार करने वाले सक्रिय राजनीति से किनारा कर लें, के उपरांत एल.के.आड़वाणी, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, एम.एम.जोशी आदि का पत्ता कटना तय माना जा रहा है। ज्ञातव्य है कि आड़वाणी अब तक राजग के पीएम इन वेटिंग रहे हैं।

आड़वाणी के उपरांत अब इस पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम सबसे आगे चल रहा है। मोदी की लोकप्रियता को देखकर सभी यह मानकर चल रहे हैं कि आड़वाणी के बाद मोदी का चेहरा आगे कर भाजपा चुनाव लड़ने जा रही है। मोदी भी अपनी बातें मनवाकर अब भाजपा में बारगेनिंग की स्थिति में आ चुके हैं।

मोदी के अलावा अन्य चेहरे जो प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं में नितिन गड़करी भाजपाध्यक्ष होने के नाते स्वाभिवक दावेदार बन रहे हैं। उसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते सुषमा स्वराज की दावेदारी से इंकार नहीं किया जा सकता है। सुषमा स्वराज के करीबी महिला कार्ड खेलकर उनकी दावेदारी को पुख्ता करने में जुटे हुए हैं।

इन सबसे इतर राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेतली दबे और सधे पांव अपनी उम्मदवारी पुख्ता करने में जुटे हुए हैं। भाजपा के अंदर चल रही बयार के अनुसार आड़वाणी के उपरांत जेतली ही नंबर दो पर तेजी से उभर रही है। अरूण जेतली इस समय भाजपा के सबसे ताकतवर ट्रबल शूटर बनकर उभरेे हैं।

भाजपा के निजाम नितिन गड़करी की अनुपस्थिति में अरूण जेतली हो ही पार्टी को संकट में डालने वालों से चर्चा कर उन्हें मनाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। नरेंद्र मोदी, वसुंधरा राजे और येदियुरप्पा भी जेतली की बातों से इत्तेफाक रखते हैं। पार्टी में जेतली का कद एकाएक तेजी से बढ़ा है।

विपक्ष में जेतली की लोकप्रियता काफी आंकी जा रही है। महिला सांसदों में जया बच्चन, जया प्रदा और कनिमोझी भी जेतली की फेन बताई जाती हैं। कांग्रेस में जेतली की मारपकड़ काफी अधिक है। कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद भी समय समय पर जेतली से मशविरा करने से नहीं चूकते हैं। हाल ही में सिब्बल ने कापी राईट तो खुर्शीद ने डायवोर्स मामले में जेतली से चर्चा की थी।

धमाकों से दहशत में हैं आदिवासी!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  92

धमाकों से दहशत में हैं आदिवासी!

मनमाने तरीके से हो रही ब्लास्टिंग

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में कंट्रोल ब्लास्टिंग के अभाव में दिन रात होने वाले धमाकों से क्षेत्र दहल उठा है।

संयंत्र के सूत्रों का कहना है कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के बरेला पावर प्लांट में निर्माण कार्य हेतु घंसौर के एक नेता नुमा ठेकेदार के संरक्षण में सारे कार्य संपादित किए जा रहे हैं। आरोपित है कि इस काम को अंजाम देने वाले निजी ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से सुरक्षा को बलाए ताक रखकर ब्लास्टिंग करवाई जा रही है, जिससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।

सूत्रों ने बताया कि घंसौर के एक नेता नुमा ठेकेदार के संरक्षण में नागपुर के सुनील हाईटेक कंपनी द्वारा गुण्डागर्दी और मनमाने तरीके से काम को अंजाम दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसको दी जाने वाली ब्लास्टिंग की अनुमति जिला कलेक्टर सिवनी के कार्यालय में विचाराधीन होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा बरेला में तबियत से धमाके कर ब्लास्टिंग की जा रही है।

सूत्रों की मानें तो उक्त ठेकेदार द्वारा बरेला पावर प्लांट में संयंत्र के अंदर निर्धारित से ज्यादा गहराई तक ब्लास्टिंग के काम को अंजाम दिया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा गुण्डागर्दी के साथ की जा रही ब्लास्टिंग का खामियाजा सीधे सीधे बरेला, गोरखपुर और आसपास के गांव के गरीब गुरबे आदिवासी भुगत रहे हैं।

ग्रामवासियों ने बताया कि उक्त नेता नुमा ठेकेदार के संरक्षण में सुनील हाईटेक कंपनी द्वारा जब मन होता है या सुविधा होती है तब ब्लास्टिंग करवा दी जाती है। नियमानुसार ब्लास्टिंग के पूर्व इसकी मुनादी आसपास के प्रभावित गांवों में पिटवाकर उन्हें खतरे से आगाह करना आवश्यक होता है।

ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए कहा कि निर्धारित से ज्यादा तेज धमाकों से उनके घर हिल रहे हैं। इस तरह की असुरक्षित ब्लास्टिंग का सबसे ज्यादा चिंताजनक पहलू यह है कि क्षेत्र में लोगों के जल स्त्रोत इसके चलते सूख गए हैं। इन तेज धमाकों की गूंज अनुगूंज जिला और पुलिस प्रशासन के कारिंदों को सुनाई अवश्य पड़ती होगी, किन्तु निहित स्वार्थों के चलते वे भी खामोशी अख्तियार करने पर मजबूर प्रतीत हो रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

जगन के मामले में ईसी नहीं करेगा हस्ताक्षेप


जगन के मामले में ईसी नहीं करेगा हस्ताक्षेप

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। निर्वाचन आयोग ने वाई एस आर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन रेड्डी की गिरफ्तारी के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया है। जगनमोहन रेड्डी की मां वाई एस विजयाम्मा ने आंध्रप्रदेश में आगामी उप चुनाव के मद्देनजर आयोग को पत्र भेज कर उनकी रिहाई की मांग की थी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी की अध्यक्षता में निर्वाचन आयोग के तीनों सदस्यों ने विजयाम्मा के पत्र पर चर्चा की। पत्र में जगनमोहन रेड्डी की रिहाई के लिए आयोग का निर्देश मांगा गया था।  आयोग का कहना है कि जगन के खिलाफ सी बी आई की अदालत में मामला चल रहा है लेकिन वे सी बी आई की हिरासत में नहीं बल्कि न्यायालय के आदेश के तहत न्यायिक हिरासत में हैं।
उधर, हैदराबाद से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की ब्यूरो ऋतु सक्सेना ने बताया कि हैदराबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सांसद वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की जमानत अर्जी पर सुनवाई कल तक टाल दी। जगन मोहन रेड्डी ने कल नई जमानत याचिका दाखिल की थी, क्योंकि अदालत ने उनकी पहली जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें ११ जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

अल्पसंख्यकों का आरक्षण रद्द


अल्पसंख्यकों का आरक्षण रद्द
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी।
कल नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में विधि तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल की राय ली जाएगी। श्री खुर्शीद ने कहा कि साढ़े चार प्रतिशत कोटा अल्प संख्यकों की आबादी के अनुपात में है और मंडल आयोग की रिपोर्ट पर भी आधारित है।
श्री खुर्शीद ने कहा कि विशेष वर्ग के जो अल्पसंख्यक वर्ग के उसमें समुदाय के लोग हैं। उनके लिए आबादी के अनुपात में सरकार ने हिस्सा रखा है। उन्होंने कहा कि एक बात तो यह है किसी विशेष धर्म से संबंधित नहीं बल्कि अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित लोगों के लिए रखा है और दूसरी बात यह है कि आबादी के अनुपात में रखा है। अनुपात से बढ़कर नहीं रखा है।

बिना शर्त काम पर लौटें तब होगा विचार: सिंह


बिना शर्त काम पर लौटें तब होगा विचार: सिंह

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने फिर कहा है कि एयर इंडिया के हड़ताली पायलटों की मांगों पर तभी विचार किया जाएगा जब वे बिना शर्त काम पर वापस आएंगे। इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) से मिले २७ मई के पत्र के जवाब में श्री अजित सिंह ने यह बयान दिया है।
अजीत सिंह ने हड़ताल को अवैध करार देते हुए कहा कि यह इलिगल स्ट्राइक है, इसमें बहुत एयर इंडिया की विश्वसनीयता कम हुई है और बेहद धाटा हुआ है। विमानन मंत्री ने कहा कि पायलट्स अपने काम पर वापस आएं और इस पर तभी चर्चा संभव है।
गौरतलब है कि आईजीपी ने अपने पत्र में बर्खास्त किए गए पायलटों की बहाली, आई पी जी को फिर से मान्यता प्रदान करने तथा छह वर्षों में प्रथम ऑफिसर पायलट से कमांडर के पद पर पदोन्नति के आश्वासन की मांग की गई थी । एयर इंडिया ने १०१ पायलटों को बर्खास्त किया है और वह अपनी उड़ानों और विशेषकर आन्दोलन से प्रभावित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का संचालन सामान्य बनाने के लिए नये पायलटों की सेवाएं लेने पर विचार कर रही है।

मुद्रास्फीती को नियंत्रित करें: सुब्बाराव


मुद्रास्फीती को नियंत्रित करें: सुब्बाराव
(दीपक अग्रवाल)
मुंबई (साई)। भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर डी सुब्बाराव ने राज्य सरकारों से कहा है कि कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए वस्तुओं की सुचारू सप्लाई की बाधायें दूर करने के उपायों पर विचार करें। कल मुुंबई में राज्यों के वित्त सचिवों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों की आपूर्ति संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका है।
रिजर्व बैंक के गर्वनर ने वित्त सचिवों से कहा कि आपूर्ति बढ़ाने के  लिये सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बेहतर प्रबधन तथा वस्तुओं की आवाजाही और भंडारण व्यवस्था सुचारू बनाने के नये तरीके शुरू करें। डा. सुब्बाराव ने कहा कि राज्य सरकारों की कर्ज की बढ़ती जरूरतों से निजी क्षेत्र को दिये जाने वाले ऋण में कमी आ सकती है और इससे राजकोषीय संचालन प्रभावित हो सकता है।

सीरिया का बायकाट आरंभ


सीरिया का बायकाट आरंभ
(सोहेल अहमद)
दोहा (साई)। अमरीका, ब्रिटेन और जर्मनी समेत अनेक देशों ने अपने यहां तैनात सीरिया के राजदूतों को निष्कासित कर दिया है। सीरिया के हौला में हुई नरसंहार की घटना के बाद यह कार्रवाई की गई है। इस घटना में ३४ बच्चों समेत १०८ लोग मारे गये थे। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार सीरिया की स्थिति पर चर्चा के लिये अरब देशों के विदेश मंत्रियों की शनिवार को दोहा में बैठक हो रही है जिसमें कोफी अन्नान भी मौजूद होंगे।
सीरिया के होम्स प्रांत के हौला गांव में हुए नरसंहार के विरोध में अनेक पश्चिमी देशों ने अपने यहां से सीरिया के राजदूतों को देश छोड़कर जाने को कहा है। अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्विट्जरलैड, स्पेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बुल्गारिया इनमें शामिल है।
उधर, दमिश्क में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत कोफी अन्नान ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से फौरन खून-खराबा रोकने की अपील की। उन्होंने ही विपक्षी गुटों से तत्काल हिंसा रोकने को कहा। सीरियाई टेलिवीजन के अनुसार राष्ट्रपति असद ने एक बार फिर कहा कि छह सूत्री अन्नान योजना की सफलता आतंकवादी हरकतों की समाप्ति और उन्हें शह देने से बाज आने पर ही संभव हो सकती है।

एशवर्य का आईआईटी में चयन

एशवर्य का आईआईटी में चयन

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जिला चिकित्सालय सिवनी में पदस्थ डाॅ.पुरूषोत्तम सूर्या एवं श्रीमति अंजूषा सूर्या के सुपुत्र एश्वर्य का चयन देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिेंग संस्था आईआईटी 2012 में प्रथम स्थान पर हुआ है। एश्वर्य के चाचा राकेश व्हीकल फेक्टरी जबलपुर में ज्वाईंट जनरल मैनेजर एवं वेद प्रकाश दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। एश्वर्य की इस सफलता पर समस्त चिकित्सकों, परिजनों ने उन्हें बधाई देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

एमपी में अघोषित प्रेस सेंसरशिप लागू


एमपी में अघोषित प्रेस सेंसरशिप लागू

लाजपत आहूजा जैसा नहीं कोई दूजा

(अब्दुल रशीद)

भोपाल (साई)। मिशन 2013 में जुटे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अब मीडिया पर शिकंजा कसना आरंभ कर दिया है। मध्य प्रदेश में अघोषित तौर पर प्रेस की सेंसरशिप लागू कर दी गई है। भाजपा या सरकार के पक्ष वाले संस्थानों को विज्ञापनों से लादा जा रहा है जबकि अन्य मुंह ताकने पर मजबूर हैं।
मध्य प्रदेश में भले ही अपराधियों, भ्रष्टाचारियों और बलात्कारियों के मामले हर रोज उजागर हो रहे हैं लेकिन विकास और जन कल्याण के क्षेत्र में व्याप्त भारी निराशा के बाद भी भाजपा ने जनसंपर्क विभाग की पीठ पर सवार होकर चुनाव की वैतरणी पार करने की व्यूह रचना की है। इसी के तहत सबसे पहले अखबारों को सरकारी विज्ञापन का चाबुक दिखाकर अपने कब्जे में करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है।
जनसंपर्क विभाग के सर्वाधिक रसूखदार और अमीर अपर संचालक लाजपत आहूजा को इसी रणनीति के अंतर्गत हाल ही में विज्ञापन के साथ-साथ समाचार शाखा का प्रभार भी सौंपा गया है। दरअसल इन्हीं दो शाखाओं में जनसंपर्क विभाग समाहित है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार इस तरह विज्ञापन और समाचार शाखा एक ही अधिकारी के हाथों में सौंपी जा रही है।
यूं तो जनसंपर्क विभाग में कई अपर संचालक हैं, किंतु लाजपत आहूजा भारतीय जनता पार्टी का सर्वाधिक चहेता अधिकारी है। फर्क इतना ही है कि वह भाजपा के कार्यालय दीनदयाल परिसर की बजाय जनसंपर्क संचालनालय में बैठते है। भाजपा सरकार के नौ वर्ष के कार्यकाल में सरकारी विज्ञापन के कुबेर के खजाने की चाबी कमोबेश आहूजा की जेब में ही रही है। पूर्व मुख्य सचिव राकेश साहनी भी इस अधिकारी के साथ बहुत कृपालु थे। फलस्वरूप अघोषित रिश्तों के कारण उनके कार्यकाल में तो इसकी सभी उंगलिया घी में डूबी रहती थीं।
सरकारी विज्ञापनों को एक ‘‘काले धंधे’’ में परिवर्तित करने में लाजपत आहूजा का बड़ा योगदान रहा है। सरकारी विज्ञापन के बल पर कई ‘‘नाकुछ’’ तथाकथित बैठकबाज पत्रकारों को करोड़पति बनाने का श्रेय इसी अधिकारी को है। भाजपा को यह अधिकारी इतना रास आ गया है कि जनसंपर्क विभाग चाहे किसी भी मंत्री के पास क्यों न रहा हो, ढे़र सारी शिकायतों के बाद भी कोई उसके अंगदी पैर को विज्ञापन शाखा से एक इंच भी हिला नहीं पाया। पत्रिका अथवा अखबार की 100 प्रतियां छपवाकर 25 से लेकर 50 हजार तक का सरकारी विज्ञापन झटक लेने का गोरखधंधा आहूजा के कार्यकाल में ही पनपा है और अब तो वह पूरे शबाब पर है। लोग आहूजा को जनसंपर्क विभाग में ‘‘लॉ और आर्डर’’ का जनक भी कहते हैं। अब तो हजारों तथाकथित पत्रकार आहूजा की कृपा की ही रोटी खा-पचा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे लाजपत आहूजा को विज्ञापन और समाचार शाखा का एक साथ प्रभार भाजपा के मुख्यालय में बनी गुप्त रणनीति के तहत सौंपा गया है। समाचार शाखा के प्रभारी अपर संचालक के रूप में आहूजा अब हर दिन निगरानी रखेगा कि किस अखबार ने भाजपा और उसकी सरकार के बारे में क्या तथा कैसा छापा है। यह निश्चित है कि जो अखबार नकारात्मक समाचारों और टिप्पणियों के द्वारा भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता के सामने लाने का दुस्साहस करेंगे, उन्हें आहूजा की विज्ञापनी कृपा के लिए निश्चित ही तरसना पड़ेगा। अब आहूजा के जरिये राज्य सरकार का एक ही सूत्र काम करेगा-‘‘भाजपा और उसकी सरकार के भले की बात छापो, अन्यथा रस्ता नापो।‘‘ भविष्य में रात को दिन और स्याह को सफेद बताने वाले अखबारों को ही सरकारी विज्ञापन मिलेंगे, जनसंपर्क विभाग की इस नई प्रशासनिक व्यवस्था ने बड़ी बेशर्मी के साथ यह तय कर दिया है। कांग्रेस इसको भाजपा सरकार द्वारा लादी गई ‘‘अघोषित सेंसरशिप’’ मानती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा है कि जनसंपर्क विभाग के बजट में विज्ञापन मद में हर साल जो अरबों का प्रावधान किया जाता है, वह सरकार की योजनाओं और सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए है। जनसंपर्क विभाग इस बजट से यह बुनियादी काम न करते हुए भारतीय जनता पार्टी को चुनावी लाभ पहुंचाने वाले विज्ञापन जारी करके शासकीय धन का आपराधिक दुरूपयोग कर रहा है। दरअसल यह बजट जनसंपर्क विभाग का खुद का न होकर विभिन्न विकास विभागों के प्रचार मद को काटकर जनसंपर्क विभाग को स्व. अर्जुनसिंह के मुख्य मंत्री काल में सौंपा गया बजट है। इस निर्णय के पीछे उद्देश्य यह था कि जनसंपर्क विभाग योजना मूलक प्रचार करेगा, किंतु विज्ञापनों के जरिए ऐसे प्रचार की बजाय अधिकांश बजट मुख्य मंत्री और मंत्रियों तथा भाजपा की छवि सुधारने पर खर्च हो रहा है।

(विस्फोट डॉट काम से साभार)

मंगलवार, 29 मई 2012

शिवी खरे का सुयश


शिवी खरे का सुयश

(ब्यूरो)

सिवनी (साई)। सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल की कक्षा दसवीं की छात्रा शिवी खरे ने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में नब्बे फीसदी अंक लाकर शाला और सिवनी को गोरवांवित किया है। गायन और खेलों में रूचि रखने वाली शिवी अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने माता पिता के साथ अपने शिक्षकों को इसका श्रेय देती हैं।

सेवानिवृत जिला मलेरिया अधिकारी एस.डी.खरे की पोती और वरिष्ठ पत्रकार लिमटी खरे की ज्येष्ठ सुपुत्री शिवी भविष्य में इंजीनियर अथवा चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहती हैं। शिवी की इस उपलब्धि पर शाला परिवार, परिजनों सहित इष्ट मित्रों, शुभचिंतकों ने उन्हें बधाईयां प्रेषित कर उज्जवल भविष्य की कामना की है।

गड़करी का अमर प्रेम!


गड़करी का अमर प्रेम!

जयाप्रदा भी हैं भाजपा प्रवेश की कतार में!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा में दूसरा टर्म पाने वाले अध्यक्ष नितिन गड़करी अब नई जमावट में लग चुके हैं। मिशन 2014 के तहत संध की हिदायतों को ध्यान में रख गड़करी अपनी नई टीम और सूबाई राजनीति के समीकरणों को टटोलने में लगे हुए हैं। मुलायम सिंह यादव से प्रथक हुए कांग्रेस से दुत्कारे अमर सिंह पर गड़करी की नजरें इनायत हो सकती हैं। जया प्रदा और अमर सिंह को भाजपा में सशर्त प्रवेश मिलने के संकेत मिले हैं।

समाजवादी पार्टी की प्राणवायू समझे जाने वाले अमर सिंह को नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव ने छिटकाकर सपा से दूर कर दिया था। मुलायम के भाईयों के भारी विरोध के बाद मुलायम सिंह को अमर प्रेम छोड़ना पड़ा। मजबूरी में अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी का गठन किया पर कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए।

ज्ञातव्य है कि कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमति सोनिया गांधी पर व्यक्तिगत आरोप लगाने वाले अमर सिंह की सपा और कांग्रेस से पर्याप्त दूरी बच चुकी है। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के सूत्रों का कहना है कि अमर सिंह ने पुरजोश कोशिश की कि वे कांग्रेस में प्रवेश पा जाएं, पर सोनिया के करीबी एक गुजराती क्षत्रप के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई।

उधर, गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनावों के चलते जब सपा और कांग्रेस के दरवाजे अमर सिंह के लिए बंद हो गए तब उन्होंने भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी को सिद्ध करना आरंभ किया। सूत्रों की मानें तो अमर सिंह ने गड़करी को ना जाने क्या पट्टी पढ़ाई कि भाजपा ने अमर सिंह की पार्टी को सपा के खिलाफ उम्मीदवार चयन में ना केवल मदद की वरन् चुनाव में आर्थिक इमदाद भी उपलब्ध कराई। अमर सिंह और गड़करी का यह अघोषित गठजोड़ भी उत्तर प्रदेश में करिश्मा नहीं दिखा सका। उत्तर प्रदेश के सूबाई नेता विशेषकर उमा भारती अमर सिंह को पचा नहीं पा रही हैं।

सूत्रों ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश चुनावों में औंधे मुंह गिरने के बाद अपनी ताजपोशी तक गड़करी ने अमर सिंह को खामोश रहने को कहा। कहा जा रहा है कि अब जबकि गड़करी की दूसरी पारी पर मुहर लग गई है तब किसी भी समय गड़करी अमर सिंह और जयाप्रदा को भाजपा में प्रवेश दे सकते हैं। इसके लिए शर्त रखी गई है कि अमर सिंह अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करें।

गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि अमर सिंह और जयाप्रदा के भाजपा में प्रवेश पर मुख्तार अब्बस नकवी का भारी विरोध सामने आ रहा है। एक तरफ तो गड़करी ने अमर सिंह को आश्वासन दिया है कि जया प्रदा को अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की टिकिट पर रामपुर से ही चुनाव लड़वाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर गड़करी अब नकवी को मनाने में जुट गए हैं।