भोपाल में
अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन आगामी 22-23 सितम्बर को: शर्मा
(धीरेंद्र श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
भोपाल (मध्यप्रदेश) में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय धर्म और धम्म सम्मेलन का आयोजन
आगामी 22 एवं 23 सितम्बर 2012 को किया जायेगा।
यह देश का पहला अभिनव आयोजन होगा जिसके अंतर्गत धर्म और धम्म के विशेषीकृत
दृष्टिमानों की पहचान की जायेगी। यह जानकारी आज यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में
जनसंपर्क एवं सस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने दी। श्री शर्मा ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय
सम्मेलन में श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री महेन्द्रा राजपक्षे सहित ब्रिटेन, फ्रांस, नीदरलैंड, वियतनाम, चीन, इस्राइल, मिश्र, इण्डोनेशिया जापान
आदि लगभग 22 से अधिक
देशों के अध्येत्ता और दार्शनिक सम्मिलित होंगे। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग एवं सेन्टर फॉर द स्टडी ऑफ रिलीजन एण्ड सोसाइटी ;ब्ैत्ैद्ध नई
दिल्ली तथा महाबोधि सोसायटी श्रीलंका
द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
श्री लक्ष्मीकांत
शर्मा ने बताया कि 21 सितम्बर 2012 को सांची जिला
रायसेन में बौद्ध़ विश्वविद्यालय का भूमि पूजन होगा। विश्वविद्यालय का नाम सांची
यूनीवर्सिटी ऑफ बुद्धिज्म रखा जायेगा। इस पर लगभग 200 करोड़ रूपये का
व्यय होगा। श्री शर्मा ने बताया कि महान भारतीय परम्परा, उसके बहुविध आयामों, समन्वित धार्मिक
भारतीय परम्पराओं की केन्द्रीय थीम पर धर्म और धम्म सम्मेलन आयोजित किया जा रहा
है। इस बहुविध और समन्वित परम्परा ने भारतीय जीवन दृष्टि और विचारों को गहरा प्रभावित
किया है। हिन्दू और बौद्ध धर्म का यही आधारभूत सिद्धांत भी है। इस अंतर्राष्ट्रीय धर्म समागम में विभिन्न
सभ्यताओं पर संवाद और समन्वय होगा । श्री
शर्मा के अनुसार यह अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी अनेक अर्थों में अत्यंत महत्वपूर्ण
विचार विनिमय की पहल है और विशेषकर सांची सहित मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक संपदा को
भी उजागर करेगी।
ब्ैत्ै के डॉ0 विनय सहस्रबुद्धे
ने बताया कि दो अतिप्राचीन विचारधाराओं के पक्ष को रोशन करना इस सम्मेलन का
उद्देश्य है। गायत्री परिवार के डॉ् प्रणव पण्ड्या को उद्घाटन समारोह के मुख्य
अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। लगभग 120 से अधिक अध्येत्ता
इस सम्मेलन में अपने शोध आलेख भी प्रस्तुत करेंगे। प्रस्तुत किये जाने वाले शोध
आलेखों मंे से लगभग 40 आलेख विदेशों से सहभागी होंगे। अंत में सांची-भोपाल
डिक्लियरेशन जारी किया जायगा जो कि सम्मेलन का सार होगा।
इस सम्मेलन की
संरक्षण समिति में शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती, विख्यात दार्शनिक
डॉ0 लोकेश
चन्द्र तथा लाम्बा लोकजेंक और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
हैं।
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