पहले पखवाड़े में ही
फेंट सकते हैं मनमोहन अपने पत्ते
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
कोल गेट मामले में घिरे भारत गणराज्य के वज़ीरे आज़म संसद के मौजूदा सत्र के अवसान
के साथ ही मंत्रीमण्डल में फेरबदल की कवायद कर सकते हैं। आम चुनावों के पहले यह
अंतिम विस्तार माना जा रहा है। इस विस्तार या फेरबदल से यह साफ हो जाएगा कि
कांग्रेस के प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह कितने मजबूत हैं और व्यापारिक घरानों की
कितनी पकड़ सरकार पर रह गई है।
कयास लगाए जा रहे
थे कि स्वास्थ्य कारणों से मनमोहन सिंह अब सरकार से बिदाई का मन बना चुके हैं, किन्तु कहा जा रहा
है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के दबाव में मौन रहकर देश की बागडोर
संभाले हुए हैं। प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक होने के आरोप भी
लगते आए हैं। अब कोल गेट मामले में वे खुद ही बुरी तरह घिर चुके हैं। संसद का
मौजूदा सत्र 06 सितम्बर
तक है इसलिए कांग्रेस के लिए विस्तार के हेतु 10 सितम्बर की तिथि
मुफीद लग रही है।
प्रधानमंत्री
कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रिलायंस से
पेट्रोलियम पदार्थों के मामले में नाराजगी मोल लेना जयपाल रेड्डी को बेहद भारी
पड़ने वाला है। रेड्डी का मंत्रालय बदला जा सकता है। उन्हें गुलाम नबी आजाद के
स्थान पर देश का स्वास्थ्य मंत्री बनाया जा सकता है।
उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय
से आज़िज आ चुके गुलाम नबी आजाद वहां से हटने बेताब हैं। उन्हें रेड्डी के स्थान पर
पेट्रोलियम मंत्रालय अथवा शिंदे के गृह मंत्री बनने से रिक्त उर्जा मंत्रालय का
प्रभार का अतिरिक्त भार वायलर रवि से वापस लेकर आजाद को इसकी जवाबदारी सौंप दी
जाए। वैसे भी जम्मू काश्मीर में उर्जा संयंत्रों के लिए उपजाउ माहौल तैयार हो रहा
है।
विलास राव देशमुख
के निधन से भारी उद्योग मंत्रालय तो दयानिधि मारन के कारण कपड़ा मंत्रालय रिक्त है।
इन दोनों का प्रभार भी किसी ना किसी को सौंपना अनिवार्य है। पीएमओ के सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि डीएमके अपने कोटे से कोनिमोझी और टी.आर.बालू
को लाल बत्ती देने उतावली दिख रही है। वहीं डीएमके के टी.के.इलागोवन और
ए.के.एम.विजयन भी लाल बत्ती के लिए फील्डिंग में लगे हुए हैं।
कांग्रेस के अंदर
भी लाल बत्ती के लिए जमकर होड़ मची हुई है। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष
केंद्र 10, जनपथ (बतौर
सांसद श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी
ऑफ इंडिया को संकेत दिए कि अस्सी के दशक से लगातार संसाद रहे एक उद्योगपति सांसद
से राहुल गांधी बेहद नाराज बताए जा रहे हैं। राहुल की नाराजगी का खामियाजा उक्त्
मंत्री को इस विस्तार में भुगतना पड़ सकता है।
उधर, आस्कर फर्नाडिस, जनार्दन द्विवेदी
विलासराव मुत्तेमवार, मुकुल वासनिक, प्रिया दत्त, के.रहमान खान, चिरंजीवी, मनीष तिवारी, कनिपुरम विश्वनाम, माणिक टैगोर, गजेंद्र सिंह
राजूखेड़ी और सज्जन सिंह वर्मा भी लाल बत्ती की दौड़ में तेजी से जमावट करते दिख रहे
हैं।
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