सीएजी सेवानिवृत्ति
के बाद बने सांसद पर जोगी ने तो छोड़ी थी नौकरी!
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
कोल ब्लाक के मामले में सीएजी की रिपोर्ट के बाद उपजी परिस्थितियों में कांग्रेस
अध्यक्ष ने सांसदों को आक्रमक रूख अख्तियार करने का मशविरा दिया है। कांग्रेस
अध्यक्ष के इशारों को भांपकर कांग्रेस के महासचिव राजा दिग्विजय सिंह ने सीएजी पर
निशाना साधकर सियासी उफान तेज कर दिया है। पूर्व सीएजी चतुर्वेदी के भाजपा का दामन
थामने की बात को लोग यह कहकर खारिज कर रहे हैं कि कलेक्टर रहे अजीत जोगी ने भी तो
नौकरी छोड़ कांग्रेस के माध्यम से राजनीति की है।
कोल ब्लॉक पर
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आक्रामक रुख के बाद पार्टी महसचिव दिग्विजय सिंह
ने कैग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोनिया तो सिर्फ विपक्षी पार्टियों को निशाने
पर ले रही हैं, लेकिन
दिग्विजय सिंह ने एक कदम आगे बढ़कर सीएजी विनोद राय पर ही हमला बोल दिया है।
दिग्विजय ने कहा है कि पूर्व सीएजी टी. एन. चतुर्वेदी की तरह विनोद राय की भी
राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं, इसीलिए वह कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं।
दिग्विजय सिंह का
कहना है कि विनोद राय ऐसे काल्पनिक आंकड़े पेश करते रहे हैं, जिनका हकीकत से कोई
लेना-देना नहीं है। उन्होंने सीएजी की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठा दिया और पूछा
कि विनोद राय बताएं कि उन्होंने ये आंकड़ें किस तरह जुटाए हैं?
गौरतलब है कि जब
सीएजी ने बोफोर्स तोप सौदे में राजीव गांधी की सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाली
रिपोर्ट जारी की थी,
तो सीएजी की कमान टी. एन. चतुर्वेदी के हाथ में थी।
रिटायरमेंट के बाद टी. एन. चतुर्वेदी बीजेपी में शामिल हो गए और पार्टी के सांसद व
कर्नाटक के गवर्नर भी बने।
दिग्विजय सिंह ने
सीएजी की रिपोर्ट को गलत बताते हुए कोयला खदानों के आवंटन को रद्द करने की विपक्ष
की मांग को भी खारिज कर दिया है। सिंह ने इस बारे में पूछे जाने पर उलटे सवाल कर
दिया कि खदानों आवंटन रद्द करके हम विपक्ष को सही साबित क्यों करें? इससे तो यही संदेश
जाएगा कि हमने जरूर कुछ गलत किया था।
दिग्विजय सिंह न
सिर्फ सीएजी विनोद राय बल्कि सुषमा स्वराज पर भी जवाबी हमला किया है। कांग्रेस को
कोयला घोटाले में मोटा माल मिलने की सुषमा स्वराज की टिप्पणी पर दिग्विजय ने कहा
कि पहले सुषमा यह बताएं कि उन्हें रेड्डी ब्रदर्स से क्या मिला है? दिग्विजय सिंह ने
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी से भी पूछा है कि उन्हें अपने कारोबारी दोस्त अजय
संचेती से क्या मिला है?
अब लोग कहने लगे
हैं कि भले ही चतुर्वेदी की राजनैतिक महात्वाकांक्षाएं हों और सेवा निवृत्ति के
उपरांत उन्होंने भाजपा का दामन थामा हो, या फिर विनोद राय चुनाव लड़ना चाह रहे हों, तो इसमें गलत क्या
है। लोगों का दिग्गी राजा से प्रतिप्रश्न है कि क्या अजीत जोगी ने तो सेवानिवृत्ति
का इंतजार किए बिना ही नौकरी छोड़कर राजनीति की पारी नहीं खेली, सवाल सिर्फ यह है
कि सीएजी के आरोप सही हैं या गलत! अगर सही हैं तब सियासत करने की बात बेमानी ही
है।
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