बारिश का कहर अभी
भी जारी
(अमित कौशल)
नई दिल्ली (साई)।
उत्तर भारत में गुरुवार को भी मॉनसून का असर जारी रहा। बुधवार को राजस्थान में
भारी बारिश की वजह से 27 लोग मारे गये थे। वहां बड़े स्तर पर राहत कार्य चल रहा है।
दिल्ली में भी मानसून अपना असर दिखा ही रहा है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी
बारिश का सितम जारी ही है।
यूपी के समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के भी
तमाम इलाकों को आज मानसून ने अपने आगोश में ले लिया। राज्य के पूर्वी और पश्चिमी
हिस्सों में कई शहरों में बारिश हुई। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, मिर्जापुर, बस्ती, इटावा, फतेहपुर, गाजीपुर जिलों में
बारिश हुई। मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अगले 48 घंटों में कुछ
इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। केंद्रीय जल आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार
फतेहगढ़ में गंगा के स्तर में इजाफा हो रहा है साथ ही पलिया कलां और एल्गिन पुल पर
शारदा और घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
उधर, राजस्थान से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि राज्य में राहत कार्य जारी हैं। राजस्थान
में अधिकारियों ने बड़े स्तर पर राहत कार्य को अंजाम दिया। कल यहां रिकार्ड स्तर पर
27 लोगों की
मौत हो गई थी। पहले खबरें आई थीं कि राज्य में 14 लोगों की मौत हुई
है पर जिला कलेक्टरों द्वारा भेजी गईं। बाद में मिली रिपोर्टों के बाद यह आंकड़ा 27 हो गया। जयपुर के
निचले इलाकों में भी जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है जहां लोेग सामुदायिक हॉल, विद्यालय और अन्य
इमारतों में शरण ले रहे हैं।
जम्मू से साई
ब्यूरो से विनोद नेगी ने बताया कि बुधवार शाम बादल फटने की घटना के बाद से 434 किलोमीटर लंबे
श्रीनगर-लेह नेशनल हाइवे पर कम से कम 100 फंसे हुए पैसेंजरों को निकाला गया। इनमें
से 50 से ज्यादा
ट्रक ड्राइवर हैं। इन ट्रकों में जरूरी चीजें लदी हुई थीं। बादल फटने के बाद इस
इलाके में बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड हुआ है। इन लोगों को सोनमर्ग लाया गया है। सड़क
साफ करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। पुलिस प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि
शुक्रवार तक रास्ता खुल जाएगा।
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