सोमवार, 27 अगस्त 2012


गैस कनेक्शन के साथ जबरन स्टोव नहीं थमा सकतीं एजेंसियां

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। कोई भी एलपीजी डीलर अब ग्राहक को सिलेंडर के साथ गैस चूल्हा खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। द कंपीटीशन अपीलेट ट्रिब्यूनल (कोमपैट) ने आईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल को निर्देश दिए हैं कि वह नए कनेक्शन के साथ चूल्हा खरीदने के लिए ग्राहक को बाध्य न करें।
पांच साल पुराने एक मामले में न्यायाधिकरण ने यह फैसला सुनाया है। कॉम्पैट ने कहा है कि इस मामले में एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार गतिविधि आयोग (एमआरटीपीसी) की ओर से 19 फरवरी, 2009 को जारी अंतरिम आदेश को ही अंतिम माना जाए। कंपनियों ने भी आश्वस्त किया है कि वह अपने उत्पादों के साथ गैस चूल्हा जैसे उत्पाद बेचने वाले वितरकों के साथ कारोबार जारी नहीं रखेंगी। इस मामले में वर्ष 2007 में जांच एवं पंजीयक महानिदेशालय द्वारा जांच शुरू किए जाने के बाद एमआरटीपीसी ने अंतरिम आदेश जारी किया था।
सात कंपनियों ने एमआरटीपीसी से शिकायत की थी कि सरकारी कंपनियां बाजार में अपने एकाधिकार का बेजा फायदा उठा रही हैं। वे अपने डीलरों को इस बात के लिए दबाव डालती हैं कि उनके साझेदारों के उत्पाद ही ग्राहकों को बेचे। मई 2009 में एमआरटीपीसी को खत्म कर उसकी जगह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) का गठन किया गया है।

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