सर्वोच्च न्यायालय
के नियमों की परवाह नहीं एचएम को भी
(राजेश शर्मा)
भोपाल (साई)। कार
के कांच पर किसी भी प्रकार की फिल्म लगाना प्रतिबंधित है- ये निर्देश सुप्रीम
कोर्ट के हैं। इसी का हवाला देकर ट्रैफिक पुलिस नौ दिन से चार पहिया वाहन चालकों
को पकड़कर चालान बना रही है लेकिन मामला एमपी के होम मिनिस्टर का हो तब क्या कहा
जाएगा? एमपी के
होम मिनिस्टर उमा शंकर गुप्त की भारी भरकम सरकारी गाड़ी में काले शीशे लगे हुए हैं।
उधर, इंदौर से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि इंदौर संभाग की पुलिस महानिरीक्षक की कार
में भी काले शीशे लगेए हैं। फिल्म लगी होने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने नियम का
पालन करने के बजाय जुर्माना भरने के नियम को ही शिथिल करवा दिया।
आईजी अनुराधा शंकर
पुलिस कंट्रोल रूम में मातहतों की बैठक लेने आई थीं। काली फिल्म चढ़ी उनकी कार जीरो
टॉलरेंस जोन से गुजरी लेकिन उसे रोकने की हिम्मत किसी जवान या अधिकारी में नहीं
हुई जबकि ट्रैफिक पुलिस ने एएसपी क्राइम व विधायक का चालान बनाया था। मीडिया ने
आईजी से काली फिल्म को लेकर सवाल किए तो वे बोलीं कि कार पुलिस मुख्यालय से आई है।
उस पर नियमानुसार फिल्म चढ़ी है। इस पर मीडियाकर्मियों ने उन्हें बताया ट्रैफिक
पुलिस पिछले दिनों से जो कारों के चालान बना रही है उसमें तो सभी प्रकार की
फिल्में उतरवाई जा रही हैं।
आईजी से
मीडियाकर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा
ऐसा नहीं है। पारदर्शिता का प्रतिशत तय है। उसके हिसाब से ही चालान बनाए जा सकते
हैं। इस पर मीडिया ने पूछा पुलिस कैसे नापेगी कि किसका प्रतिशत सही है या गलत तो
उन्होंने एसपी ट्रैफिक डॉ. आशीष को निर्देश दिए हैं कि पुलिस पारदर्शिता मापने
वाले यंत्र के साथ ही कार्रवाई करे।
एसपी डॉ. आशीष ने
बताया पुलिस पारदर्शिता मापने वाले यंत्र बुलवाए जा रहे हैं। तब तक सिर्फ उन कारों
पर कार्रवाई होगी जिनमें बिलकुल काली फिल्म लगी है और आर-पार देखना मुश्किल है।
डीएसपी ट्रैफिक से जब लोगों ने कहा उनकी कारों में आरटीओ से अनुमति प्राप्त
पारदर्शिता की फिल्में चढ़ी हैं तो किसी की नहीं सुनी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का
निर्देश वाहन चालकों को पढ़वाया जिसमें लिखा था कि कार पर कोई भी फिल्म चिपकाने की
अनुमति नहीं है। सिर्फ कंपनी फिटेड टिंटेड ग्लास (वो ग्लास जिसे कार निर्माता
कंपनी लगाकर देती है) की अनुमति है।
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