गांधी उपनाम देने
वाले को ही भूलीं सोनिया!
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
सवा सौ साल पुरानी और आधी सदी से ज्यादा देश पर राज करने वाली कांग्रेस ने आजादी
के उपरांत नेहरू गांधी के उपनाम का जमकर दोहन किया है। विडम्बना यह है कि पंडित
जवाहर लाल नेहरू की पुत्री इंदिरा नेहरू को जिस फिरोज गांधी से विवाह करने के चलते
उपनाम गांधी मिला उसी फिरोज गांधी को नेहरू गांधी परिवार की वर्तमान पीढ़ी ने भुला
दिया है।
फिरोज गांधी से
विवाह करने के बाद ही इंदिरा नेहरू का नाम बदलकर इंदिरा गांधी हुआ था। उस वक्त
गांधी उपनाम की अहमियत इसलिए भी बेहद ज्यादा हुआ करती थी क्योंकि देश को आजाद
कराने में आधी लंगोटी वाले महात्मा गांधी ने महती भूमिका निभाई थी।
विडम्बना ही कही
जाएगी कि नेहरू गांधी परिवार की वर्तमान पीढ़ी ने गांधी उपनाम (सरनेम) देने वाले
फिरोज गांधी को ही भूले बिसरे गीत की तरह बजाना भी उचित नहीं समझा। 12 सितम्बर
1912 को जन्मे फिरोज गांधी का अवसान 8 सितम्बर 1960 को हुआ था। वैसे तो कांग्रेस
के नेता देश के महान नेताओं और विशेषकर कांग्रेस के नेताओं की पुण्य तिथि आदि पर
जोर शोर से प्रपोगंडा करती है, किन्तु फिरोज गांधी का जब भी मामला आता है
तो कांग्रेस के पाले में खामोशी पसर जाती है।
शनिवार को फिरोज
गांधी की पुण्य तिथि पर कांग्रेस ने कोई कार्यक्रम नहीं रखकर जतला दिया है कि उसे
पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया
गांधी के ससुर की कितनी चिंता है। वैसे भी पिछले दिनों अपने पिता को श्रृद्धांजली
देने राहुल गांधी भी राजघाट नहीं पहुंचे थे।
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