कल गौतम थापर
करेंगे झाबुआ पावर का निरीक्षण
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर अपने स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी
प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के
आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में स्थापित होने वाले 1200 (बाद
में 1260) मेगावाट के पावर प्लांट में हो रही अनियमितताओं की जांच के लिए मंगलवार
11 सितम्बर को बरेला जाने वाले हैं।
उक्ताशय के संकेत
थापर हाउस के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि
अवंथा समूह के कर्ताधर्ता गौतम थापर को लगातार इस पावर प्लांट में अनियमितताओं की
शिकायतें मिल रहीं थीं। इन अनियमितताओं के चलते ही संयंत्र के पूर्व महाप्रबंधक
श्री मिश्रा को दिल्ली तलब कर घंसौर में नए महाप्रबंधक की तैनाती कर दी गई बताई
जाती है।
सूत्रों ने यह भी
बताया कि संयंत्र का पहुंच मार्ग जो कि वन विभाग का मार्ग हुआ करता था का भी उपयोग
पूर्व में संयंत्र प्रबंधन द्वारा बिना अनुमति के किया जाता रहा है। इस पहुंच
मार्ग में वन विभाग के रक्षित वन का 539 एवं 540 नंबर का कंपार्टमेंट पड़ता है।
दिल्ली स्थित थापर हाउस पहुंची शिकायतों में कहा गया है कि इस मार्ग का उपयोग करने
पर संयंत्र प्रबंधन को चालीस रूपए प्रतिवाहन की रायल्टी के बजाए महज दस रूपए
प्रतिवाहन ही रायल्टी की रसीद काटी जा रही है।
इतना ही नहीं थापर
हाउस के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि संयंत्र प्रबंधन ने
अवंथा समूह के आला अधिकारियों के साथ ही साथ मध्य प्रदेश शासन के अधिकारियों को
धोखे में रखकर संयंत्र स्थल से रक्षित वन की दूरी दस किलोमीटर बताई है जो वास्तव
में महज पांच किलोमीटर ही है। सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में शिकायत होने पर जिला
प्रशासन सिवनी द्वारा कंपार्टमेंट नंबर 572 में आने वाली संयंत्र की 230 मीटर लंबी
बाउंड्री वाल को भी ध्वस्त कर दिया गया था।
सूत्रों ने यह भी
बताया कि यह 572 नंबर का कंपार्टमेंट वही है जिसमें सागौन के वृक्षों और पौधों के
लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2005 में इस कंपार्टमेंट की वन समिति को
उत्कृष्ठ कार्य हेतु विशेष पुरूस्कार से भी नवाजा था। संयंत्र की स्थापना के शैशव
काल में तत्कालीन तौर जिले में पदस्थ आला अधिकारियों ने संयंत्र प्रबध्ंान को
फायदा पहुंचाने के लिए दस्तावेजों में भी कूट रचना की गई बताई जाती है।
बहरहाल, सूत्रों की मानें
तो अवंथा समूह के सिरमौर गौतम थापर मंगलवार 11 सितम्बर को बरेला के पावर प्लांट का
निरीक्षण करने जाने वाले हैं। उधर, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के सिवनी ब्यूरो से
संजीव प्रताप सिंह ने खबर दी है कि गौतम थापर की इस यात्रा को संयंत्र प्रबंधन
द्वारा अति गोपनीय की श्रेणी में रखने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है ताकि जिले
के लोग इस बारे में जानकारी लेकर गौतम थापर से मिलकर आला अधिकारियों के काले
चिट्ठे खोलने का प्रयास ना कर सकें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें