राहुल के लिए सज
रहा 24 अकबर रोड़
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार दीप पर्व हेतु अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में साफ
सफाई की जा रही है। दरअसल, यह तैयारी है कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के आगमन की।
कांग्रेसी अंदर ही अंदर नाच गा रहे हैं कि अब युवा तरूणाई के प्रतीक राहुल गांधी
घोषित तौर पर उनका नेतृत्व करने वाले हैं। राहुल गांधी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
या सरकार में शामिल होंगे के कयास मीडिया में लंबे समय से लगते आए हैं। मनमोहन
सरकार के संभवतः अंतिम फेरबदल के उपरांत यह तो साफ हो गया कि राहुल सरकार में अभी
शामिल नहीं होने वाले हैं।
कांग्रेस के उच्च
पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस का बहुप्रतीक्षित
संगठनात्मक फेरबदल दीप पर्व के बाद हो सकता है, जिसमें पार्टी
महासचिव राहुल गांधी को अधिक महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, यदि फेरबदल 22
नवंबर से पहले नहीं होता है, तो यह संसद के शीतकालीन सत्र के बाद हो सकता
है। संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
कांग्रेस के एक आला
नेता ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के
दौरान कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। कांग्रेस हालांकि नौ
नवंबर को दिल्ली से सटे हरियाणा के सूरजकुंड में समीक्षा व रणनीति बैठक की
तैयारियों में जुटी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसका पार्टी में संगठनात्मक
फेरबदल से कोई लेनादेना नहीं है।
वैसे सूत्रों ने यह
भी संकेत दिए कि सोनिया गांधी की ढलती उम्र, बीमारी और कमजोर होती पार्टी पर पकड़ को
देखकर अब उन पर यह दबाव बनने लगा है कि उन्हें जल्द से जल्द राहुल या प्रियंका की
बैसाखी लेकर पार्टी को चलाना चाहिए, अन्यथा आने वाले समय में पार्टी की स्थिति
और भी दयनीय हो सकती है। संभवतः यही कारण है कि राहुल गांधी ने बजाए सरकार के
संगठन का दामन थामने का फैसला लिया है।
पार्टी के नेताओं
के अनुसार, ऑल इंडिया
कांग्रेस कमेटी में फेरबदल की तैयारी कर ली गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
यह तय करेंगी कि इसकी घोषणा किस वक्त की जानी है। कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के
शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सोनिया
गांधी ने इस बार किसी पर एतबार नहीं किया है। इस बार फेरबदल का सारा मसौदा एक
त्रिफला ने ही तैयार किया है।
सूत्रों की मानें
तो इस त्रिफला में नेहरू गांधी परिवार के दो सदस्य और तीसरा कांग्रेस का ताकतवर
नेता है। इस संगठनात्मक फेरबदल की बुनियाद सोनिया गांधी ने अवश्य रखी है पर सोनिया
की सहमति से इसे अंतिम स्वरूप सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका वढ़ेरा, उत्तर प्रदेश के
अमेठी (जिस सूबे में कांग्रेस का नामलेवा नहीं बचा है) से सांसद पुत्र राहुल गांधी
और गुजरात (जिस सूबे में कांग्रेस का नामलेवा नहीं बचा है) से आने वाले अहमद पटेल
द्वारा दिया जा रहा है।
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