अब एशियन टाईगर का
कहर!
(प्रदीप चौहान)
नई दिल्ली (साई)।
देश की राजनैतिक राजधानी में एक के बाद एक किसी ना किसी का आंतक छाया हुआ है।
त्योहारों के पास आते ही आतंकी हमले का डर तो कभी स्वाईन फ्लू तो कभी दिमागी बुखार, कभी डेंगू तो कभी
किसी का। अब दिल्ली के लोग एशियन टाईगर की दहशत के साए में जी रहे हैं।
गौरतलब है कि
दिल्ली में इन दिनों डेंगू की संख्या में विस्फोटक इजाफा दर्ज किया गया है। दिल्ली
ही क्या समूचे देश में अब डेंगू के मच्छरों का प्रवाह तेज हो गया है। अब डेंगू के
साथ ही एडीस मच्छर की एक नई प्रजाति का भी पता चला है। एडीस मच्छरों की नई प्रजाति
एल्बोपिक्ट्रस का राजधानी में दस्तक देना मुख्य वजह है। इसे एशियन टाइगर नाम से भी
जाना जाता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय
के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अभी तक इस प्रजाति का मच्छर
दक्षिण भारत में पाया जाता था, लेकिन इस बार इसने राजधानी को भी चपेट में
ले लिया है। यही वजह है कि डेंगू का प्रकोप पिछले 20 दिनों में ही दोगुना हो गया
है।
महानगर पालिका निगम
के सूत्रों का कहना है कि पिछले साल तक राजधानी में डेंगू के लिए इजिप्टा प्रजाति
के मच्छरों को जिम्मेदार माना जा रहा था लेकिन एमसीडी के सर्वे के दौरान इस साल
एशियन टाइगर मच्छरों की कई स्थानों पर पुष्टि हुई है। वहीं मौसम में आई ठंड के
बावजूद डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। रोजाना करीब 35-40 मरीज
इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। हालात यह हैं कि इस साल अब तक कुल 1238 मरीज इसकी
चपेट में आ चुके हैं। ठंड की शुरुआत में डॉक्टरों का कहना था कि अब मरीजों की
संख्या में गिरावट आएगी, लेकिन तापमान में कमी के बावजूद नए मरीजों की संख्या जस की तस
बनी हुई है।
इस साल जनवरी से 15
अक्टूबर के बीच डेंगू के मरीजों की संख्या जहां 534 थी, वहीं 6 नवंबर तक
इनकी संख्या 1238 पहुंच गई। जानकारी के मुताबिक डेंगू का मच्छर 15 और 30 डिग्री
सेल्सियस तापमान के बीच तेजी से पनपते हैं लेकिन फिलहाल राजधानी का न्यूनतम तापमान
13।8 डिग्री सेल्सियस है। ऐसे में एडीस मच्छरों की ब्रिडिंग में कमी आनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हुआ
नहीं।
इस एशिन टाईगर के
मामले में सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि एशियन टाइगर के आगे एमसीडी की सभी दवाएं
और डेंगू से निपटने की पूरी कवायद फेल हो रही है। अगर वर्ष 2010 को छोड़ दिया जाय
तो पिछले पांच वर्षाे में इस साल डेंगू के सबसे अधिक मरीज सामने आए हैं।
एमसीडी के सूत्रों
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एशियन टाईगर की विशेषता यह है कि यह शहरी
और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में घरों के अंदर और बाहर अस्तित्व में रह सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार यह मच्छर घर और बाहर दोनों ही जगह पनपता है और इजिप्टा मच्छर
के मुकाबले ज्यादा खतरनाक है।
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