नीलम प्रभावित
क्षेत्र में राहत बचाव कार्य तेज
(प्रीति सक्सेना)
हैदराबाद (साई)।
आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार वर्षा से बुरी तरह प्रभावित उत्तरी
तटवर्ती इलाकों में राज्य सरकार ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। बारिश अब थम गई है
लेकिन सैकड़ों रिहाइशी इलाकों में अब भी पानी भरा है, जिसके कारण निचले
इलाकों के लोग घर छोड़कर राहत शिविरों में चले गए हैं। लगभग ७० हजार लोगों ने १८०
राहत शिविरों में शरण ली हुई है। स्थानीय प्रशासन बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सामान्य
स्थिति बहाल करने के सभी उपाय कर रहा है। प्रभावित इलाकों में सड़क और रेल यातायात
पूरी तरह बहाल करने की कोशिशें जारी है।
मुख्यमंत्री
कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य सरकार ने बाढ़
पीड़ित लोगों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है। मुख्य मंत्री किरण कुमार
रेड्डी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों को आश्वासन दिया कि सरकारी
एजेंसियां बदरंग हो चुके धान और क्षतिग्रस्त कपास खरीदेंगी।प्रशासन ने मौसम विभाग
के हवाले से अगले २४ घंटों में तेलंगाना और कुछ उत्तरी तटवर्ती जिलों में तेज
वर्षा की चेतावनी जारी की है। तेज वर्षा और चक्रवाती तूफान नीलम के प्रभाव से
राज्य के १५ जिले प्रभावित हुए हैं।
वहीं, दिल्ली से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के केंद्रीय कक्ष से मणिका सोनल ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी को बाढ़ प्रभावित
क्षेत्रों के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करने की पेशकश की। सूत्रों ने कहा कि
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि वह लगातार स्थिति पर निगरानी रखें
और राहत तथा पुनर्वास के लिए हरसंभव सहायता मुहैया कराएं। प्रधानमंत्री ने उन सभी
लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट की जिन्होंने श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम, पूर्व गोदावरी, पश्चिम गोदावरी और
कृष्णा जिलों में अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया।
ज्ञातव्य है कि
राज्य में मूसलाधार बारिश, उत्तर-पूर्वी मानसून और चक्रवाती तूफान नीलम की वजह से व्यापक
नुकसान हुआ है और डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों ग्रामीण बह
गए, सड़क और रेल
यायातात बुरी तरफ प्रभावित हो गया तथा फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं।
सरकारी सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि मूसलाधार बारिश से आंध्र प्रदेश के आठ
जिलों में 480 घर पूरी तरह और 766 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। 250,000
हेक्टेयर से अधिक भूमि में खड़ी फसलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। सभी नदी-नालों, तालाबों व अन्य
जलाशयों में आए उछाल के कारण जिले के कई गांव डूब गए हैं। इस तटीय जिले में कम से
कम 72 तलाबों के तटबंध टूट गए, दर्जनों गांव डूब गए। इन गांवों में बिजली
नहीं है। बाढ़ से पूर्वी गोदावरी जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है और लगभग 30,000 लोग
राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें