हार्पर को नहीं देश
की सुरक्षा व्यवस्था पर एतबार!
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
कनाडा के वजीरे आजम स्टीफन हार्पर को भारत सरकार की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर एतबार
नहीं रहा। वे अपने साथ लाए सुरक्षा दस्ते और विश्ेाष वाहन का ही इस्तेमाल भारत में
यात्रा के दौरान कर रहे हैं, जिससे भारत गणराज्य के खुफिया तंत्र और यहां
की सुरक्षा व्यवस्था पर इंटरनेशलन लेबल पर प्रश्न चिन्ह लग सकता है?
गृह मंत्रालय के
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बाताया कि भारत यात्रा पर आए कनाडा के
प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर नई दिल्ली की सड़कों पर अपनी बख्तरबंद कार में यात्रा
कर रहे हैं जो कनाडा से विशेषरूप से भारत लाई गई है। देखा जाए तो पश्चिमी देशों के
शीर्ष नेता आमतौर पर अफगानिस्तान जैसे खतरे वाले देश में ही बख्तरबंद कारों का
प्रयोग करते हैं।
हार्पर द्वारा भारत
यात्रा के दौरान आगरा और नई दिल्ली में बख्तरबंद कार का उपयोग करने पर कनाडा की
मीडिया में विभिन्न अटलकलबाजियां लगाई जा रही है। कनाडा की मीडिया में भारत सरकार
पर आक्षेप किया जा रहा है कि उसके मेहमान नेता को स्वयं सुरक्षित वाहन उपलब्ध
क्यों नहीं कराया।
कनाडा के मीडिया ने
भारत सरकार को जमकर आड़े हाथों लिय है। कनाडाई मीडिया ने भारत सरकार का मजाक उड़ाते
हुए कहा कि हार्पर को 1960 के माडलवाली डिब्बानुमा एम्बेसडर कार मुहैया कराने की पेशकश
की गई थी। यहां यह उल्लेखनी है कि भारत सरकार द्वारा महज सांसद राहुल गांधी और
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को बुलट प्रूफ मंहगी विलासिता वाली
गाडियांें का काफिला उपब्ध कराया हुआ है।
कनाडा के ग्लोब एंड
मेल अखबार के अनुसार हार्पर ने आगरा में काले रंग की शेवरलट कार का उपयोग किया
जबकि नई दिल्ली में वह कैडिलक पर सवार थे। इन दोनों बख्तरबंद कारों पर कनाडा के
ओंटारियो राज्य की नम्बर प्लेट थी। अखबार के अनुसार इन भारी भरकम कारों को विशेष
मालवाहक विमान या जलयान से ही भारत लाया गया होगा। कनाडा के अधिकारियों ने इन
कारों को लाये जाने पर हुए खर्च का कोई ब्योरा नहीं दिया। वहीं गृह मंत्रालय के
सूत्रों ने इस बात को भी बताने से इंकार कर दिया कि इन वाहनों के आने की सूचना
भारत सरकार को है अथवा नहीं।
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