१५ लोगों की मेहनत
से ३१२ हेक्टेयर बंजर भूमि में आई हरियाली
(शिवेश नामदेव)
सिवनी (साई)। जिले
की बरघाट जनपद के एक छोटे से गांव ताखलाखुर्द के १५ लोगों ने अल्पकाल में ही वह
काम कर दिखाया है,
जिसे करने में औरों को सालों लग जाते है। इन १५ ग्रामीणों ने
अपनी मेहनत, लगन और
वनों को बचाने की सदेश्छा से ३१२.६६ हेक्टेयर भूमि में बहार ला दी है। पहले यह
भूमि पडत थी, जिसमें
केवल खरपतवार व्याप्त थी। इसी पडत भूमि में अब बडे-बडे वृक्ष खडे है, छोटे-बडे
वन्यप्राणी विचर रहे है और गांव के लोगों ने अब इस जंगल में लाख की खेती भी शुरू
कर दी है। सिर्फ खेती ही नहीं, इन ग्रामीणों ने मई ०३ से नवंबर १२ तक करीब ४
हजार ३०० किलो लाख उगाई और इसे बेचकर ३.५१ लाख रूपये की शुद्व आमदनी भी प्राप्त की
है। वर्तमान में यहां लाख उत्पादन के ३ स्वसहायता समूह सक्रिय हैं, जिनकी सदस्य संख्या
अब ६० तक पहुंच गई है।
बरघाट तहसील
मुख्यालय से मात्र आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित भीमपाठा ग्राम पंचायत के पोषक
ग्राम ताखलाखुर्द के लोगों ने दूसरे ग्रामीणों के लिये यह नजीर पेश की है। दक्षिण
सिवनी सामान्य वनमंडल के आमागढ वन परिक्षेत्र में आने वाले इस गांव के प्रगतिशील
लोगों ने वन सुरक्षा समिति भी गठित की है। धनीराम ब्रम्हे इस समिति के अध्यक्ष है, वहीं श्रीमती
चन्द्रा भलावी उपाध्यक्ष, मनोज ठाकुर सचिव और आनंद डेहरिया सह सचिव के अलावा इस समिति
के कार्यकारिणी में ११ अन्य सदस्य भी है। जिनके नेतृत्व में इस छोटे से गांव में
यह प्रशंसनीय कार्य हुआ है। वन सुरक्षा समिति द्वारा संरक्षित वन क्षेत्र से
उत्पादित बांस का विक्रय कर करीब ८५ हजार और सतकठा बल्ली के विक्रय से करीब २०००
रूपये की आय भी की गई है। यह आय समिति के सामान्य खाते में जमा है। समिति अब अपने
संरक्षित वनक्षेत्र में वन संवर्धन के और अधिक कार्य करने के लिये प्रयास कर रही
है। यही नहीं, इस वन
क्षेत्र में वन विकास अभिकरण के अंतर्गत ५० हेक्टेयर भूमि में सागौन, बांस, खम्हेर, आंवला व बहेडा
प्रजाति के करीब ११ हजार ५०० पौधे रोपित किये गये थे। इन रोपित पौधों में से ९
हजार २७५ पौधे आज भी जीवित है। इसके अलावा कैटल प्रोटेक्शन ट्रांजिट (सी.पी.टी.)
में बांस के ४२० और केतकी के ४ हजार ८८० पौधों के रोपण के अलावा ठूंठ ड्रेङ्क्षसग, भू-जलसंरक्षण, लैण्टाना उन्मूलन
आदि वन संवर्धन कार्य भी कराये गये है। वन सुरक्षा समिति और वन विभाग दोनों के
प्रयासों से आज यहां सम्पूर्ण वन भूमि में हरियाली ही हरियाली छाई हुई है।
वन सुरक्षा समिति
के इन प्रयासों की प्रसिद्वि से जबलपुर संभागायुक्त दीपक खांडेकर भी अछूते नहीं
रहे। गत ७ दिसंबर को बरघाट तहसील क्षेत्र के भ्रमण के दौरान संभागायुक्त खांडेकर, जिला कलेक्टर अजीत
कुमार के साथ स्वंय ताखलाखुर्द पहुंचे। संभागायुक्त ने वहां लाख उत्पादन करने वाले
स्व-सहायता समूहों के सदस्यों से मुलाकात की। चर्चा के दौरान संभागायुक्त ने
ग्रामीणों से कहा कि लाख उत्पादन अब फायदे का सौदा बन गया है। किसानों को इससे
जुडना चाहिये। समिति सदस्यों ने उन्हें ३१२.६६ हेक्टेयर वन क्षेत्र के संरक्षण एवं
संवर्धन के लिये किये उपायों की जानकारी दी। सदस्यों ने वन्य प्राणियों के पानी
पीने और समिति के निस्तार के लिये इस संरक्षित वन क्षेत्र में पहले से स्थापित
तालाब का और अधिक गहरीकरण कराये जाने की मांग की। संभागायुक्त ने इस वाजिब मांग पर
सहमति देकर मौके पर ही सहायक वनमंडलाधिकारी को यह कार्य कराने के निर्देश दिये।
संभागायुक्त ने वन सुरक्षा समिति के सद्प्रयासों की सराहना कर आगामी योजनाओं के
बारे में जानकारी भी ली।
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