उत्तर भारत ने ओढ़ी
सफेद चादर
(शरद)
नई दिल्ली (साई)।
दिसंबर माह के पहले पखवाड़े में ही उत्तर भारत में बर्फबारी ने मौसम को सुहावना बना
दिया है। पर्यटक अब तेजी से पूर्वोत्तर और उत्तर भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
दिल्ली का मिजाज भी कुछ ठंडा ही लगने लगा है। देश भर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
के ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार शीतलहर के चलने से मौसम में ठंडक महसूस की जा
रही है।
शिमला से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने खबर दी है कि हिमाचल प्रदेश में सफेद
चादर पर्यटकों को खासी आकर्षित कर रही है। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के कारण
बुधवार को लाहौल एवं स्पिति जिले के मुख्यालय केलांग में तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस
नीचे पहुंच गया। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम सर्द रहेगा।
राज्य में आगे और बर्फबारी की संभावना है।
मौसम विभाग के
सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के हिमाचल ब्यूरो ने बताया कि
मंगलवार को बर्फबारी और तेज बारिश के बाद राज्य में न्यूनतम तापमान एक से पांच
डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। पश्चिमी विक्षोभ में मौसम के खराब हालातों की
वजह से अगले दो दिनों में भारी बर्फबारी के साथ बारिश होने की आशंका है। लोकप्रिय
पर्यटन स्थल मनाली में मंगलवार को मौसम की पहली बर्फबारी हुई। राजधानी शिमला में
हल्की बर्फबारी देखी गई, जबकि शिमला से कुछ ही दूरी पर स्थित कुफरी, फागु और नरकंडा में
भी अच्छी बर्फबारी हुई। बर्फ गिरने की सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में सैलानी
शिमला, मनाली और
आसपास के पर्यटन स्थलों को पहुंचने लगे हैं। बुधवार को शिमला में न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस
पहुंच गया, जबकि
मंगलवार को न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस था।
वही उत्तर प्रदेश से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य में भी
शीत लहर से काफी ठंडक महसूस की जा रही है। राज्य के गाजीपुर में का तेवर मंगलवार
को तल्ख दिखा। सुबह देर तक वातावरण में घना कोहरा छाया रहा। ठंड से कांपते लोगों
ने अलाव का सहारा लिया। भगवान भास्कर का दर्शन भी पूर्वाह्न नौ बजे हुआ। इसके बाद
ही लोगों ने राहत की सांस ली ठंड के मिजाज ने पूरी तरह यह अहसास करा दिया कि अब
कुछ दिनों उसका सितम जारी रहेगा।
गाजीपुर से साई
ब्यूरो ने बताया कि देर रात तक मौसम सामान्य रहने के बाद सुबह तड़के कोहरे की घनी
चादर छा गई। वाहन सड़कों पर रेंगते हुए दिखे। सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों को
स्कूल जाने में हुई। ठंड के कारण वह कांपते देखे गए। चिकित्सकों ने भी बच्चों को
ठंड से बचने की हिदायत दी है। लंका के होमियोपैथ चिकित्सक डॉ. आरआर मिश्र ने बताया
कि सुबह व शाम अपने को गर्म कपड़ों से ढंककर रखें। लापरवाही घातक हो सकती है। पीजी
कॉलेज वेधशाला के प्रेक्षक मदन गोपाल दत्त ने बताया कि न्यूनतम 11.5 तथा अधिकतम तापमान
26.5 डिग्री
सेल्सियस रहा। वहीं सुबह की आर्घ्द्रता 93 तथा शाम की 71 फीसद थी। बताया कि
कुछ दिनों तक कोहरे का प्रकोप जारी रहेगा जिससे तापमान में गिरावट संभव है। सैदपुर
रू क्षेत्र में सुबह तड़के घना कोहरा छाया रहा। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों को
परेशानी उठानी पड़ी।
वहीं मुरादाबाद से
समाचार एजेसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि कोहरे ने जहां अचानक ठंड बढ़ा दी है
वहीं दलहन की खेती में लगे विशेषकर करईल के किसान इसे फसलों के लिए अमृत मान रहे
हैं। करईल में लगभग छह हजार बीघा भू-भाग पर किसानों ने मसूर की खेती की है।
अक्टूबर के अंत में की गई बोआई के बाद मसूर की फसल में दिसंबर के अंत तक फूल आता
है और तब तक पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाता है मगर बारिश नहीं होने और मौसम में
गर्मी बने रहने से पौधों का पूरी तरह से विकास नहीं हो पाया। इसके बावजूद उसमें
फूल दिखाई देने शुरू हो गए हैं। इसे लेकर किसान काफी चिंतित थे कि उनकी पैदावार
प्रभावित होगी। वहीं अब कोहरा पड़ने से प्रसन्न किसान सतीश राय, रवींद्र नाथ राय, अनिल राय, बब्बन राय ने बताया
कि अगर लगातार 15 दिन तक
कोहरा पड़ा तो उसकी नमी से मसूर की खेती को काफी फायदा होगा।
औरिया से साई
ब्यूरो ने बताया कि अचानक गिरता तापमान ऐसे किसानों के लिए आफत खड़ी कर रहा है
जिन्होंने अभी तक गेहूं की बुआई नहीं की है या फिर हाल ही में बुआई की है। तापमान
के गिरावट ने गेहूं के जमाव पर संकट खड़ा कर दिया है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बेहतर
जमाव के लिए कम से कम 17 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए, लेकिन यहां औसतन 11 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम पारा रह रहा है। बताया गया कि इससे गेहूं का बीज अंकुरित होने में खासा
समय लेगा।
जिले में सिंचाई
संसाधन वैसे भी फेल हैं ऊपर से सिल्ट सफाई में हुई देरी ने गेहूं किसानों के लिए
सबसे ज्यादा समस्या खड़ी की। वैसे तो 25 अक्टूबर से ही बुआई शुरू हो जानी चाहिए और
अधिकतम तीस नवम्बर तक बुआई का उत्तम समय बताया जाता है, लेकिन यहां किसानों
को पलेवा के लिए पानी ही नहीं मिला जिससे तकरीबन 40 फीसद क्षेत्रफल
में अब तक बुआई नहीं हो पाई है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. संदीप कुमार
सिंह के अनुसार गेहूं का बीज अच्छी तरह अंकुरित हो और उसका बेहतर जमाव हो इसके लिए
जरूरी है कि तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से कम न हो। यहां रविवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस
और न्यूनतम 11 डिग्री
सेल्सियस रहा। जबकि सोमवार को अधिकतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस व
न्यूनतम तापमान 14.3 डिग्री
सेल्सियस रहा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस
रहा इससे साफ जाहिर है कि जो किसान अब गेहूं की बुआई करेगा उसका जमाव न सिर्फ देर
से होगा बल्कि उतना बेहतर भी नहीं होगा जितना होना चाहिए। हालांकि जो गेहूं जम
चुका है उसके लिए मौसम ठीक है। बुआई में वैसे भी देरी हो रही है ऐसे में तापमान
में गिरावट किसानों के लिए और मुश्किल खड़ी कर सकती है। उप कृषि निदेशक डा. बनारसी
यादव कहते हैं कि जिन किसानों ने अब तक बुआई नहीं कर पाई है उनके लिए अब एचडी -2932, टीडीडब्लू -154, लोकमान्य, उन्नत हलना, गोल्डन हलना
प्रजाति का गेहूं बीज उपयुक्त रहेगा। इस प्रजाति को 25 दिसंबर तक बोया जा
सकता है। उनके अनुसार इन प्रजाति के बीजों के जमाव के लिए न्यूनतम तापमान 12-14 डिग्री सेल्सियस
तक भी रहेगा तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
वहीं भिवानी से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो खबर दी है कि मंगलवार को हुई हल्की बूंदाबांदी ने
मौसम में ठंडक घोल दी। बुधवार सुबह से ही तापमान में गिरावट आई और पारा 24 पर लूढ़क गया।
न्यूनतम तापमान 12 से 15 तक दर्ज किया गया।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार गिरते तापमान से सरसों की फसल में सबसे अधिक फायदा है।
इसका गेहूं की फसल पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। आने वाले दिनों में धुंध बढ़ेगी और
तापमान नीचे गिरेगा। बुधवार सुबह लोग ठंड से निजात पाने के लिए अलाव का सहारा लेते
दिखाई दिए। ठंड के असर से विशेषकर हृदय रोगियों को बचाव के लिए चिकित्सकों ने भी
खास तौर पर हिदायतें बरतने की सलाह दी हुई है। बाजार में भी धूप खिलने के बाद ही
सुबह साढ़े नौ बजे के बाद ही रौनक दिखाई पड़ी।
मौसम विभाग ने
बताया कि हरियाणा में हिसार बुधवार को सबसे ठंडा स्थान रहा जहां का तापमान 5-4 डिग्री सेल्सियस
दर्ज किया गया। करनाल में तापमान 5-8 डिग्री सेल्सियस रहा और अंबाला में 7-9 डिग्री सेल्सियस
दर्ज किया गया। भिवानी और नारनौल में तापमान क्रमशरू 8-2 डिग्री और 7-5 डिग्री सेल्सियस
दर्ज किया गया। पंजाब में अमृतसर और लुधियाना काफी ठंडे रहे जहां तापमान 6-9 डिग्री सेल्सियस
रहा। पटियाला में भी रात काफी ठंडी रही और तापमान 7-4 डिग्री सेल्सियस
दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि चंडीगढ़, अंबाला, करनाल, भिवानी, लुधियाना, मोहाली और फगवाड़ा
में बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बताया कि अगले कुछ
दिनों में दोनों राज्यों में तापमान में और अधिक गिरावट आने का अनुमान है।
देश के हृदय प्रदेश
से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से सोनल सूर्यवंशी ने बताया कि राज्य में शीत
लहर का प्रकोप जारी है। पीतांबरा माई के लिए प्रसिद्ध दतिया में मंगलवार की रात से
चल रही शीतलहर ने एक दिन में जहां अधिकतम तापमान को छह डिग्री लुढ़का दिया, वहीं न्यूनतम
तापमान भी तीन डिग्री लुढ़क गया। तापमान के गिरते ही लोगों को ठिठुरन का अहसास होने
लगा। लोग दिन में भी गर्म कपड़ों में नजर आए। मालूम हो कि दिसंबर के शुरुआती दौर
में सर्दी का प्रभाव बढ़ रहा था, लेकिन अचानक मौसम ने करवट बदली और तापमान
में हुई लगातार वृद्धि तथा तेज धूप के कारण दिन में सर्दी का अहसास कम हो गया था।
मंगलवार की रात से पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के कारण चल रही ठंडी हवा से
एक ही दिन में तापमान में खासी गिरावट हुई। आसमान में भी बादलों का डेरा नजर आया।
मौसम में आए इस बदलाव के कारण लोगों को एक बार फिर से दिन में सर्दी का अहसास हुआ।
घरों से निकलते वक्त लोग दिन में भी गर्म कपड़े पहन कर निकले, वहीं वाहन
ड्राइवरों ने मफलर,
टोपे का उपयोग किया। मौसम का दोहरा रंग लोगों के स्वास्थ्य को
प्रभावित कर रहा है।
वहीं सागर से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्दी के मौसम में
गर्माहट का अहसास करा रही गर्म हवाएं अब जल्द विदा होंगी। इसी के साथ तापमान में
गिरावट आने का दौर शुरू हो जाएगा। पिछले कई दिनों से पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से
तापमान, सामान्य से? ज्यादा बना हुआ है, जिसका असर अगले
एक-दो दिनों में समाप्त हो सकता है। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. डीपी दुबे का कहना
है कि उत्तर दिशा की ओर से आने वाली सर्द हवाएं जल्द ही चलेंगी। इससे वातावरण तेजी
से ठंडा होगा और तापमान गिरेगा। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान ३०.० एवं न्यूनतम
तापमान १६.४ डिग्री सेल्सियस रहा।
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