हिमाचल में
कांग्रेस तो गुजरात में खिला कमल
अहमद पटेल की
कार्यप्रणाली पर लगे प्रश्न चिन्ह!
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)।
अंततः हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव परिणाम सामने आ ही गए। एक तरफ गुजरात में
नरेंद्र मोदी ने परचम लहराकर कांग्रेस के नीति निर्धारक श्रीमति सोनिया गांधी के
राजनैतिक सचिव अहमद पटेल को धूच चटा दी वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में भाजपा
अपना गढ़ बचाने में नाकाम रही।
शिमला से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने समाचार दिया है कि हिमाचल प्रदेश
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार विरोधी लहर के बीच भारतीय जनता पार्टी को
हराकर पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है। हिमाचल प्रदेश की कुल ६८ सीटों में से
कांग्रेस को ३६ और भारतीय जनता पार्टी को २६ सीटें मिली है। हिमाचल लोकहित पार्टी
ने एक और अन्य ने पांच सीटें जीती हैं। कांग्रेस को इस चुनाव में १३ सीटों की बढ़त
मिली है, जबकि
भारतीय जनता पार्टी को १५ सीटों का नुकसान हुआ है। पिछली विधानसभा में कांग्रेस के
पास २३ और भाजपा के पास ४१ सीटें थीं।
उधर, अहमदाबाद से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से जलपन पटेल ने खबर दी है कि गुजरात में भारतीय जनता
पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ११५ सीटें जीतकर लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की है।
मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार राज्य में सत्ता हासिल की है।
राज्य विधानसभा की १८२ सीटों में से कांग्रेस को ६१ सीटें मिली हैं। कांग्रेस की
सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को दो सीटें मिली जबकि गुजरात परिवर्तन पार्टी
को भी दो सीटें मिली। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली जबकि एक सीट पर जनता दल
युनाइटेड का उम्मीदवार विजयी रहा।
मोदी के करीबी
सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि राज्य में नई सरकार २६ दिसम्बर को शपथ लेगी।
भारतीय जनता पार्टी के अधिकतर वरिष्ठ नेता, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के शासन वाले
प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के भी शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने की संभावना है।
भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड ने नरेंद्र मोदी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप
में चुनने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली को
पार्टी के विधायक दल की बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजने का फैसला
किया है।
कांग्रेस की गुजरात
इकाई के अध्यक्ष अर्जुन मोडवाड़िया ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक
प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने
पार्टी हाईकमान को इस्तीफा भेज दिया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी
कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में हार गए हैं। इसके साथ ही साथ राज्य
में अहमद पटेल के व्यक्तित्व पर भी प्रश्न चिन्ह लगने आरंभ हो गए हैं।
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