लाजपत ने लूट लिया
जनसंपर्क ------------------ 30
आहूजा के आने से
अखाड़ा बन गया मध्य प्रदेश जनसंपर्क
(विस्फोट डॉट काम)
भोपाल (साई)।
बाणगंगा की बैतरणी में लाजपत आहूजा क्या उतरे ऐसा समुद्र मंथन शुरू हो गया है कि
कभी कुछ निकलकर बाहर आ रहा है तो कभी कुछ। बाणगंगा की बैतरणी का मतलब मध्य प्रदेश
शासन का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का मुख्यालय। हर राज्य में एक ऐसा विभाग होता है, इस राज्य में भी
है। लेकिन इस राज्य के विभाग की कहानी न्यारी है। प्रदेश के पत्रकारों तारने मारने
का काम इस जनसंपर्क संचालनालय से ही किया जाता है इसलिए यहां बाबूगीरी कम नेतागीरी
ज्यादा होती है। इसी नेतागीरी की महिमा है कि लाजपत आहूजा को इलेक्शन इयर में
बाणगंगा की बैतरणी में उतार दिया गया लेकिन पहले कथित तौर पर कांग्रेस ने विरोध
किया अब भाजपा नामधारी एक व्यक्ति ने सीधे गणकरी को चिट्ठी लिखकर लाजपत को लजाने
पर मजूबर कर दिया है।
नितिन गडकरी को
किसी एलएन वर्मा ने पत्र लिखा है और दावा किया है कि वे राष्ट्रवादी विचारधारा से
जुड़े लोगों की कोई मदद नहीं कर रहे हैं उलटे अपनी गैंग बनाकर आपरेट करने की कोशिश
कर रहे हैं। जरा पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। राष्ट्रवादी विचारधारा के कट्टर समर्थक
कहनेवाले कथित वर्मा चिट्ठी में लिखते हैं-ष् राष्ट्रीय विचारधारा से जुड़े
पत्रकारों, संपादकों, साहित्यकारों, लेखकों को इन्हीं
आहूजा साहब के चलते विभाग में अपमानित होने के चलते आपको सीधे पत्र लिख रहा हूं।ष्
एल।एन।वर्मा के नाम से की गई उक्त शिकायत की स्केन की गई प्रति मीडिया के चुनिंदा
लोगों को भी ईमेल के माध्मय से भेजी गई है।
इस शिकायत में
सच्चाई कितनी है यह बात या तो आहूजा जानते होंगे या फिर शिकायतकर्ता वर्मा, पर अतिरिक्त संचालक
लाजपत आहूजा को सर्वशक्तिमान बनाने से अनेक मीडिया कर्मियों ने जनसंपर्क संचालनालय
की ओर रूख करना छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि अब संचालनालय में जी हजूरी करने
वालों की पौ बारह हो चुकी है। आहूजा के बारे में लिखा गया है कि वे जनसंपर्क को
रंडियों का कोठा बना देंगे। इस संबंध में आहूजा का पक्ष जानने का प्रयास किया गया
किन्तु वे फोन पर उपलब्ध नहीं हो सके।
पत्र में उल्लेख
किया गया है कि शराब और शबाब की शौक के लिए चर्चित राजेश बैन, समरजीत चौहान, संदीप कपूर आदि को
फिर से विज्ञापन शाखा में पदस्थ किया गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि विश्व
संवाद केंद्र से जुड़े होने के नाते इस संबंध में जब वर्मा द्वारा सारी हकीकत के
बारे में भाजपाध्यक्ष प्रभात झा को आवगत कराया गया तो वे भी हतप्रभ रह गए थे। वैसे
खबर तो यह भी चलाई जा रही है कि प्रभात झा के इशारे पर ही आहूजा की नियुक्ति यहां
की गई है। अगर यह खबर सही है तो वे हतप्रभ क्यों रह गये यह अपने आप में हतप्रभ
करनेवाली बात है।
इस संबंध में जब
जनसंपर्क में पदस्थ अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा का पक्ष जानने उनसे उनके
कार्यालयीन दूरभाष 0755 - 4096502 पर सोमवार 11 जून को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे
संपर्क करने का प्रयत्न किया गया तो वहां उपस्थित भृत्य ने बताया कि अभी आहूजा
साहब के कार्यालय में ना तो उनके कोई बाबू ही आए हैं और ना ही साहब!
कारण कुछ भी हों
लेकिन आहूजा के आने से इतना तो हो गया है कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क जंग का पूरा
अखाड़ा बन चुका है। जीतेगा कौन यह बाद में देखेंगे अभी लड़ाई में नये नये दांव पेंच
इस्तेमाल किये जा रहे हैं और बाजी मारने की पुरजोर कोशिश हो रही है। पहले कांग्रेस
के लोगों ने नाराजगी जताई अब भाजपाई भी उनसे खुश नजर नहीं आ रहे हैं।
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