शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

जीतू और नीता का शनि होने लगा भारी!


जीतू और नीता का शनि होने लगा भारी!

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में भाजपा की सूबाई राजनीति में तेजी से बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच अब अपनी कुर्सी बचाने और कुर्सी हथियाने की जुगत आरंभ हो चुकी है। दरअसल, प्रभात झा की बिदाई के साथ ही साथ अनेक सियासी नेताओं के साथ ही साथ सरकारी मुलाजिमों की गर्दन नपना तय माना जा रहा है जो संगठन के बजाए प्रभात झा की ही गणेश परिक्रमा को अपना मूल मंत्र मानकर चल रहे थे।
इसके साथ ही साथ प्रभात झा पर आरोपों की झडी लगने लगी थी कि प्रभात झा के साए में संगठन ही सरकार पर होता जा रहा है। इतना ही नहीं प्रभात झा के संरक्षण में सरकारी नुमाईंदों के हौसले इतने बुलंद हो चले थे कि वे मंत्रियों की बात को भी अनसुना ही कर देते थे।
कहा जा रहा है कि प्रभात झा के संरक्षण में अफसरशाही के बेलगाम घोड़े इस कदर कोहराम मचा रहे थे कि मीडिया और सरकार में अनेकों मर्तबा टकराहट की नौबत तक आ चुकी है। विधानसभा के शीत कालीन सत्र में पत्रकारों को जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा की प्रतीकात्मक शवयात्रा तक निकालने पर मजबूर होना पड़ा था। यद्यपि बाद में प्रतीकात्मक शवयात्रा के स्थान पर रैली ही निकाली गई पर यह मध्य प्रदेश के इतिहास में काला धब्बा ही मानी जा रही है।
भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष नरेंद्र तोमर इस बात को भली भांति जानते हैं कि प्रभात झा को बलात हटाया गया है। उनकी बिदाई की भनक शिवराज सिंह चौहान ने किसी को भी नहीं लगने दी थी। प्रभात झा ने नरेंद्र सिंह तोमर की ताजपोशी के वक्त अपनी बिदाई के बारे में दर्द को जाहिर करते हुए कह ही दिया था कि जिस तरह पोखरण विस्फोट की खबर अटल जी ने किसी को लगने नहीं दी उसी तरह उनकी बिदाई की खबर शिवराज सिंह चौहान ने किसी को लगने नहीं दी।
अब तोमर के सामने अपनी टीम बनाने के साथ ही साथ प्रभात झा के जहर बुझे तीरों की संभावनाओं से निपटना भी एक प्रमुख चुनौति है। भाजपा के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेसी ऑफ इंडिया को बताया कि संगठन का एक तबका इस बात से खासा नाराज है कि इस तरह प्रभात झा की बिदाई नहीं होनी थी। वहीं संघ के सूत्रों ने साई न्यूज से चर्चा के दरम्यान कहा कि संघ का एक धड़ा भी तोमर की ताजपोशी को पचा नहीं पा रहा है।
उधर, शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र तोमर की दिल्ली यात्रा भी इस संबंध में काफी अहम मानी जा रही है। भाजपा से जुड़े सूत्रों ने समचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो को बताया कि तोमर और सीएम ने दिल्ली में नितिन गड़करी, एल.के.आड़वाणी, सुषमा स्वराज, अरूण जेतली जैसे आला नेताओं से मिलकर मिशन 2013 के लिए फ्री हेण्ड मांगा है।
कहा जा रहा है कि टीम प्रभात के अहम सदस्य भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष जीतू जिराती और भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया की उल्टी गिनती आरंभ हो चुकी है। माना जा रहा है कि नीता पटेरिया को हटाने के पीछे प्रभात झा द्वारा उन्हें सीएम मेटेरियल बताने के साथ ही साथ श्रीमति पटेरिया के खिलाफ बिजली चोरी, पुरोहित की थाली से दो सौ रूपए चुराने के आरोपों के साथ ही साथ आमानाला काण्ड में उनके खिलाफ खड़े कांग्रेस के विधायक और मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह द्वारा स्वयं ही माननीय न्यायालय से चालन पेश करवाने की गुहार लगाने की बातों को प्रमुख माना जा रहा है।

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