मंगलवार, 18 दिसंबर 2012

जी के लिए खबर नहीं है अपने ही संपादकों की जमानत


जी के लिए खबर नहीं है अपने ही संपादकों की जमानत

(विस्फोट डॉट काम)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली की एक स्थानीय अदालत द्वारा भले ही आज बीस दिन बाद जी न्यूज और जी बिजनेस के संपादकों को दी गई जमानत सबके लिए खबर हो लेकिन खुद जी समूह की वेबसाइटों पर इस संबंध में कोई खबर अब तक प्रकाशित नहीं हुई है। दोनों ही संपादकों की गिरफ्तारी के बाद भले ही जी समूह ने पत्रकार वार्ता से लेकर जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन तक किया हो लेकिन आज जब उनकी रिहाई की जानकारी देने की बारी आई तो वेब पर इस संबंध में जानकारी जारी करने में भी कोताही बरती गई है।
उधर, दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल की कंपनी से कथित रूप से 100 करोड़ रुपये उगाही मामले में जी समूह के दो संपादकों को आज जमानत दे दी। वे विगत 20 दिन से तिहाड़ जेल में बंद थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज रानी मित्रा ने जी न्यूज के संपादक चौधरी एवं जी बिजनेस के संपादक समीर अहलुवालिया की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘दोनों आरोपियों को जमानत प्रदान की जाती है।’’ दोनों को दिल्ली पुलिस ने गत 27 नवम्बर को गिरफ्तार किया था।
अदालत ने कहा कि दोनों को पचास-पचास हजार रुपये के क्रमशरू जमानत और मुचलके भरने पर रिहा किया जाएगा। दोनों को अपने अपने पासपोर्ट जमा कराने के साथ ही अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने साथ ही दोनों को जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने गत शनिवार को पांच घंटे तक सुनवायी करने के बाद उनकी जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। उस दौरान दिल्ली पुलिस ने दोनों को राहत प्रदान करने के लिए उन्हें जमानत प्रदान किये जाने का विरोध किया था। तिहाड़ जेल में बंद चौधरी और अहलुवालिया दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (उगाही), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 511 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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