सुरक्षित है
सुभाषचन्द्र बोस की रसोई
(एस.के.खरे)
सिवनी (साई)।
करोड़ों युवाओं के पायोनियर सुभाष चंद्र बोस जिस बावर्चीखाने का उपयोग करते थे, वह आज भी सुरक्षित
है। मध्य प्रदेश सरकार को उस रसोई की कोई चिंता नहीं है। इस एतिहासिक इमारत में आज
बाल संप्रेक्षण गृह संचालित हो रहा है। पूर्व में एतिहासिक जिला जेल की रिक्त हुई
इमारत में जब पूर्व में केंद्रीय विद्यालय संचालित होता था तब नेताओं के दबाव में
तत्कालीन जिला कलेक्टर सारस्वत ने इसे खाली करवा दिया गया था।
सिवनी के बाल
न्यायालय में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की रसोई और उनके द्वारा उपयोग में लायी जाने
वाली वस्तुएं आज भी सुरक्षित हैं। ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा बुलंद कर
आजादी की लडाई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने सिवनी
जेल में अपने जीवन के 147 दिन गुजारे थे। ब्रिटिश हुकुमत ने उन्हें तीन जनवरी 1932
से लेकर 30 मई 1932 तक आजादी के दीवानों के साथ सिवनी की ऐतिहासिक जेल में निरुद्ध
किया था। इन दिनों में नेताजी अपना भोजन खुद बनाते थे।
उस समय की ऐतिहासिक
जेल के स्थान पर आज यहां बाल सुधार गृह है, जहां नेताजी की रसोई और उनके उपयोग में लाई
जाने वाली वस्तुऐं आज भी सुरक्षित रखीं हैं। बाल सुधार गृह में नेताजी की यादों के
साथ साथ समाज से भटके हुए बालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अनेक रोजगारनोन्मुख
कार्य सिखाये जाते हैं।
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