भोजशाला के लिए
मुस्तैद है प्रशासन
(सुजीत कुमार)
धार (साई)। मध्य
प्रदेश के भोजशाला में शुक्रवार के दिन किसी तरह के विवाद से बचने के लिए भारतीय
पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए अलग-अलग
वक्त तय कर दिया है। गौरतलब है कि 15 फरवरी को वसंत पंचमी है और उसी दिन जुमा भी
है। भोजशाला कैंपस में सरस्वती मंदिर और कमाल मौला मस्जिद भी है। इसे लेकर काफी
दिनों से विवाद चल रहा है।
एएसआई के महानिदेशक
प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन एक बजे से तीन बजे के
बीच नमाज अदा कर सकेंगे। आदेश के मुताबिक, हिंदू 14 फरवरी यानी गुरुवार को दिन भर अपने
पारंपरिक तरीके से सरस्वती की पूजा कर सकेंगे और 15 फरवरी को 12 बजे से साढे़ तीन
बजे तक भोजशाला में नहीं जा सकेंगे। यह विशेष परिस्थितियों में जारी किया गया आदेश
है जो सिर्फ 14 और 15 फरवरी को लागू होगा।
उधर, भोजशाला मामले में सरकार अचानक सख्त हो गई
है। भोजशाला मुक्ति यज्ञ समिति के संयोजक और संघ के पूर्व प्रचारक नवलकिशोर शर्मा
को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्त में ले लिया। पुलिस का दावा है कि उन्होंने शर्मा
को इंदौर के लसूड़िया क्षेत्र से हिरासत में लिया गया। उनके पास से एक पिस्टल और एक
जिंदा कारतूस बरामद हुआ।
इधर, धार के एडिशनल एसपी
बिट्टू सहगल ने बताया सांप्रदायिक उन्माद
फैलाने की कोशिश के आरोप में शर्मा को हिरासत में लिया है। तबीयत खराब होने के
कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। पुलिस ने 13 अन्य लोगों को गिरफ्तार
किया है। शर्मा को इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि शेष सभी
आरोपियों को धार जेल भेजा गया। वहीं, हिंदू संगठनों को गले नहीं उतर रही कहानी-
नवल किशोर शर्मा को इंदौर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की कहानी धार के
हिंदूवादी संगठनों के गले नहीं उतर रही है।
धार्मिक भावनाएं
भड़काने के आरोप में हिंदूवादी संगठन से जुड़े
योगेंद्र शर्मा, दिनेश देवड़ा, मुरली राजपूत, मोतीलाल रत्नाकर, राजेश नायक, सुनील, हर्ष शर्मा निवासी
प्रकाश नगर इंदौर,
मदन राजपूत, प्रहलाद पंवार, संजय विश्वकर्मा, संजय देवड़ा को जेल
भेजा गया है। धार में हर्ष शर्मा ने हंगामा भी किया।
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