पड़ोसियों के साथ
शांति चाहता है भारत: पीएम
(प्रदीप चौहान)
नई दिल्ली (साई)।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, लेकिन नियंत्रण
रेखा पर दो सैनिकों की क्रूर हत्या जैसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।
उन्होंने कहा कि भारत किसी भी खतरे से कारगर ढंग से निपटने में सक्षम है। कल नई
दिल्ली में राज्यपालों के ४४वें सम्मेलन में डॉ. मनमोहन सिंह ने कई मुद्दों का
जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि
जम्मू-कश्मीर, पूर्वाेत्तर
क्षेत्र और नक्सल प्रभावित इलाकों में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में पिछले वर्ष
सुधार हुआ है, लेकिन इस
दिशा में अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर
के राज्यपाल एन एन वोहरा ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच और अधिक ताल-मेल का सुझाव
दिया है, जिस पर
विचार किया जाना चाहिए।
डॉ सिंह ने बताया
कि सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में विकास और प्रशासन की कमियों
को दूर करने के प्रयास किये हैं और ८२ पिछड़े जिलों में एकीकृत कार्ययोजना शुरू की
है। इन प्रयासों के उत्साहजनक परिणाम आने लगे हैें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार
के प्रयासों से उग्रवाद का खतरा अन्य इलाकों में नहीं फैल रहा है और पिछले वर्ष
नक्सलवादी घटनाओं में कमी आई है।
पिछले वर्ष १६
दिसंबर को हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर राष्ट्रव्यापी प्रतिक्रिया का जिक्र
करते हुए डॉ सिंह ने कहा कि सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन से महिलाओं की स्थिति
में कारगर परिवर्तन आ सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सार्वजनिक जीवन में
भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की आवश्यकता को समझती है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों
में संसद में लोकपाल विधेयक पारित हो जाएगा।
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