सन सीटी द्वारा
करोड़ों रुपए का फायदा
(राजकुमार अग्रवाल)
कैथल (साई)। गरीब
जनता को प्लाट देने का लालच देकर सन सीटी द्वारा जहां करोड़ों रुपए का फायदा हो रहा
है। वहीं गरीब जनता को करोड़ों रुपए का नुकसान भी हो रहा है। यदि बैंक में पड़े इस
पैसे का बैंक ब्याज भी न दे परन्तु गरीब जनता को तो नुकसान हो रही रहा है। इतना ही
नहीं जिन गरीब परिवार से संबंधित लोगों के प्लाट निकल गए। उनको छोड़कर बाकी के
जिनके पैसे वापिस होने है। उनकी सिक्योरिटी के रूप में जमा राशि लगभग ब्याज के रूप
में खत्म हो गई है। जबकि जिला प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
गत जुलाई 2012 में इस बात का खुलासा
आरटीआई के तहत जिला नगर योजनाकार कैथल से मिली सूचना के अनुसार हुआ था कि सन सिटी
द्वारा कैथल शहर में ई।डब्ल्यू एस। के तहत 82 प्लाट दिए जाने है। प्रत्येक प्लाट
की कीमत 30 हजार रुपए रखी गई है। जिसके लिए वर्ष 2011 में फरवरी माह में बीपीएल
परिवारों से रियायती दामों 10 प्रतिशत के हिसाब से आवेदन के साथ देने को कहा गया
था। इस पर गरीब जनता ने किसी न किसी तरह ब्याज पर लेकर पैसे का इंतजाम किया और
कम्पनी में 3 हजार रुपए सिक्योरिटी के साथ आवेदन किया। मिली सूचना के अनुसार
कम्पनी को 3801 आवेदन आए है। जिससे कम्पनी के पास 1 करोड़ 14 लाख 3 हजार रुपए इक-े
हो गए। जिसमें से सिर्फ 82 लोगों के प्लाट निकलने है। उस समय जिला नगर योजना जन
सूचना अधिकारी ने बताया था कि ड्रा की तारीख जल्दी ही निश्चित की जाएगी। परन्तु
इसके बाद भी लगभग 7 माह का समय बीत गया परन्तु अभी तक इसकी कोई भी तारीख निश्चित
नहीं की गई। यदि अब भी इस ओर ध्यान दिया जाए तो एक दो महीना तो तारीख निश्वित करने
में लग जाएगा और जिन लोगों के ड्रा नहीं निकलते उनकी धनराशि वापिस करने में भी कई
माह लग जाएंगे क्योंकि 3801 में से मात्र 82 लोगों के प्लाट निकलने है और 3719 की
धनराशि वापिस करनी है। इस वापिस धनराशि पर कम्पनी द्वारा कोई ब्याज नहीं दिया
जाएगा। इन 3719 व्यक्तियों में प्रति व्यक्ति यदि 2 प्रतिशत छमाही की ब्याज दर पर
पैसा लिया गया होगा तो इससे उनको यह धनराशि जब तक वापिस मिलेगी उस समय तक लगभग ढ़ाई
साल बीत चुके होंगे। ऐसे में उनको ब्याज के रूप में 3 हजार के पीछे 2288 रुपए यानि
अभी व्यक्तियों को 85 लाख के लगभग ब्याज के रूप में देने देंगे। जिससे जिन लोगों ने ब्याज पर लेकर आवेदन किया
हुआ है। उनको काफी नुकसान ब्याज के रूप में हो जाएगा। जबकि कम्पनी को गरीब जनता की
इस खून पसीने की कमाई से फायदा ही फायदा। यह सूचना उस समय मांगी गई थी जब क्षेत्र
के रमेश, विनय, रामकुमार, रामफल आदि कई गरीब
लोगों ने अपने दुखड़े सुनाए थे और उन्होंने बताया था कि कम्पनी ने उनसे 3-3 हजार
रुपए तो ले लिए और लक्की ड्रा निकालने का आश्वासन छह महीने का दिया था। परन्तु अब
दो वर्ष तक ऐसी कोई तारीख निश्चित नहीं की गई थी जिसके तहत यह ड्रा निकाला जाएगा
और उनको डर था कि कहीं उनके द्वारा दी गई यह धन राशि खत्म न हो जाएं। उस समय 19
जून 2012 को जब सूचना मांगी गई थी तो नगर योजना अधिकारी ने सूचना क्रमांक 1388 20
जुलाई 2012 को यह बताया था कि आवेदन अधिक होने के कारण छंटाई में समय अधिक लग गया।
अब इनकी छटाई ई डब्लयू एस के माध्यम से करके चंडीगढ़ मुख्यालय को भेज दी गई है। अब
इस मुख्यालय को गए भी 7 माह का समय बीत चुका है। परन्तु इस सूचना को शायद मुख्यालय
ने अब रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया होगा। जिससे लोगों को अपनी ब्याज सहित भरी
हुई सारी राशि जो लगभग 2 करोड़ बैठती है, समाप्त होती नजर आ रही है।
योजना आयोग की तरफ
से हो रही है देर: सहायक मैनेजर
इस बारे में सन
सीटी के सहायक मैनेजर ईश्वर सिंह ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ड्रा
निकालने की तारीख योजना आयोग न करनी है न कि सन सीटी ने। यह ड्रा भी जिला उपायुक्त
के माध्यम से निकाला जाएगा। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते।
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