आदिवासी गरीब को
लकड़ी के अभाव में जलाया टायर पर
(अशोक वर्मा)
टीकमगढ़ (साई)। मध्य
प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान लाख दावे करें कि उनके राज में सूबे में सुशासन आ
गया है पर जमीनी हकीकतें इससे उलट ही बयां हो रही हैं। प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के
पृथ्वीपुर विकासखण्ड मुख्यालय के करीब ही एक आदिवासी का अंतिम संस्कार लकड़ी के
अभाव में टायरों पर किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
भारतीय संस्कृति
में भले ही अंतिम सस्कार को सबसे बड़ा सस्कार माना गया हो परन्तु 12 फरवरी को
पृथ्वीपुर जनपद पंचायत के अन्तर्गत सत्ती-सत्ता गॉव में घन्सू आदिवासी का लम्बी
बीमारी के चलते निधिन हो गया जिसका अंतिम सस्कार मोहल्ला वासियों ने टायरो पर किया
गया। वैसे तो म।प्र। सरकार आदिवासीयो के लिए काभी योजनाए चला है। परन्तु न तो
सरकार के नुमाईन्दो के द्वारा और न ही ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव के द्वारा उस
आदिवासी को 2 कुंटल लकड़ी भी नसीब नहीं करा सका जिससे उसको टायरो पर जलाया गया।
हालाकि इस संबंध
में पृथ्वीपुर जनपद पंचायत के सी।ई।ओ। एल।एल। विश्वकर्मा ने समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को बताया कि ग्राम पंचायत में इस
प्रकार की कोई सुविधा नहीं होती जिसके फण्ड से उसकी मदद की जा सके हालाकि उन्होने
मानवीय आधार पर कुछ सहायता राशिा दिलाये जाने की वात कही।
वही किसाान कॉग्रेस
संघ के प्रदेश महामंत्री प्रकाश सिंह दॉगी ने साई न्यूज से चर्चा के दौरान आरोप
लगाया है कि म।प्र। की भाजपा सरकार आदिवासी विरोधी है, जो एक आदिवासी की
अंत्येष्टी में 2 क्वंटल लकड़ी भी नसीब नहीं करा सका वो आदिवासी के हितेषी नहीं है।
ज्ञातव्य है कि
भलेे ही भाजपा सरकार के द्वारा भले ही आदिवासीयो के लिए लुभावने वादेे किये जाते
हो परन्तु हकीकत यह है। कि आज एक आदिवासी को अंतिम सरकार के लिए आर्थिक तंगी के
चलते लकड़ी नसीब नही हो सकी और उसको टायरो
पर जलाना पड़ा। इस संबंध में जब जिला प्रशासन का पक्ष जानने के लिए जिला
दण्डािधकारी से मोबाईल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन उठाने की जहमत ही नहीं
उठाई।
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