हिन्दू महासभा के नाम पर अवैध संगठन चलाने पर दिल्ली उच्च न्यायलय ने अवमानना का संज्ञान लिया
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)।
विदित हो की दिल्ली उच्च न्यायलय की खंडपीठ ने एल. पी. ए. नं0 522/2011 पर हिन्दू
महासभा की केंद्रीय उच्चाधिकार समिति की याचिका पर अपना निर्णय दिया था की स्वामी
चक्रपाणी व अन्य अपने आपको राष्ट्रीय पदाधिकारी नहीं कह सकते ! इस निर्णय के
पश्चात भी स्वामी चक्रपाणी व चन्द्र प्रकाश कौशिक अपने आपको राष्घ्ट्रीय अध्यक्ष एवं इनके सहयोगी अपने आपको स्वयंभू
राष्घ्ट्रीय पदाधिकारी घोषित कर प्रशासन
एवं राष्ट्र को कई वर्षों से दिग्भ्रमित कर रहे थे ! इसके खिलाफ केंद्रीय
उच्चधिकार समिति के अध्यक्ष डॉ संतोष राय ने दिल्ली उच्च न्यायलय में अपने अधिवक्ता
श्री अवधेश कुमार सिंह के माध्यम से अपराधिक मनोवृत्ति व भूघ्माफिया, जो अखिल भारत
हिन्दू महासभा के स्वंभू व अवैध राष्ट्रीय पदाधिकारी समाचार पत्रों के माध्घ्यम से
घोषित कर रखा था, के खिलाफ न्यायलय की अवमानना का वाद
डाला।
कल वाद संख्या 104/2013 डॉ संतोष राय बनाम
चन्द्र प्रकाश कौशिक व अन्य पर माननीय न्यायमूर्ति जे. एस. सिस्घ्तानी ने न्यायलय की अवमानना की नोटिस पांच लोगों के
खिलाफ स्वीकार कर जारी किया, जिसमे चन्द्र प्रकाश कौशिक, मुन्ना कुमार शर्मा, विरेश त्यागी, स्वामी चक्रपाणी
तथा डॉ इंदिरा तिवारी हैं ! अधिवक्ता श्री अवधेश कुमार सिंह के तर्कों से प्रभावित
कर तथा कागजाती साक्ष्यों के आधार पर 17 अप्रैल 2013 को माननीय
न्यायमूर्ति ने नोटिस जारी करते हुए जबाब देने का तिथि निश्चित किया !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें