बच्चों में रेप
गेम्स का नशा
(प्रतुल बनर्जी)
नई दिल्ली (साई)।
बच्चों को रेसिंग गेम्स या फाइट गेम को पसंद है ये तो सुना ही होगा, पर अब भारत के
बच्चों पर ष्रेप गेम्सष् की लत लग गई है। साइट्स पर ऐसे कई रेप गेम्स है जो बच्चों
को मानसिक रुप से बिगाड़ रहा है। रेप गेम्स में खिलाड़ी को महिला का बलात्कार करने
की चुनौती दी जाती है। पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूएचआरसी) ने इस मामले
में सुझाव मांगे हैं।
आयोग के संयुक्त
सचिव सुजय कुमार हल्दर ने कहा कि आयोग ने इस मामले को लेकर गंभीर चिंता जताई है, क्योंकि इस तरह की
रिपोर्ट मिल रही है कि बच्चे, खासकर किशोरों को रेप-गेम्स की लत है।
उन्होंने कहा कि हमने राज्य के गृह सचिव से इस पर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट
मांगी है कि इस तरह के ऑनलाइन खेलों पर सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत किस
प्रकार प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
आयोग ने विभिन्न
शिशु मनोरोग विशेषज्ञों द्वारा इस वीडियो गेम को लेकर चिंता जताए जाने और इसे
प्रतिबंधित करने की मांग के बाद इस पर स्वतरू संज्ञान लिया है।
0 क्या है रेप गेम्स
थ्रीडी वीडियो गेम
ष्रेपलेष् जापान की कम्पनी ष्इल्युजनष् द्वारा 2006 में बनाया गया था, जिसमें एक पुरूष
महिला एवं उसकी दो बेटियों के साथ दुष्कर्म करता है। यह गेम अर्जेटीना, मलेशिया एवं
थाइलैंड सहित कई देशों में प्रतिबंधित है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक वकील के
मुताबिक, राज्य
सरकार के पास सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 67 के तहत इस पर
प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।
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