0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन
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छत्तीसगढ़ के सांसद
ने साधा सिवनी वासियों का हित!
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)।
परिसीमन में सिवनी लोकसभा का अवसान हो गया। सिवनी की अंतिम सांसद रहीं श्रीमति
नीता पटेरिया। वे 2004 से 2009 तक सांसद रहीं।
उनके कार्यकाल में भी सिवनी की ब्राडगेज का मामला दिल्ली में सिवनी के जनसेवक नहीं
उठा सके। इसी दर्मयान बिलासपुर के सांसद पुन्नू लाल माहोले ने मण्डला से बरास्ता
सिवनी होकर छिंदवाड़ा जाने वाले रेल खण्ड के अमान परिवर्तन के संबंध में प्रश्न
उठाया था, तब भी
सिवनी में ब्राडगेज पर सियासत करने वालों की तंद्रा नहीं टूटी। सिवनी ब्राडगेज का
मामला सिवनी के बजाए छत्तीसगढ़ के संसद सदस्य द्वारा देश की सबसे बड़ी पंचायत में
उठाया जाना निश्चित तौर पर सिवनीवासियों के लिए सुखद संयोग ही माना जाएगा।
गौरतलब है कि लगभग
डेढ़ दशक पहले तक सिवनी, छिंदवाड़ा और मण्डला लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है।
आदिवासियों की लगातार उपेक्षा के कारण महाकौशल में भाजपा का वर्चस्व बढ़ता ही चला
गया। कांग्रेस के परंपरागत आदिवासी वोट बैंक उसके हाथ से फिसल गए। आदिवासियों ने
अपनी उपेक्षा का सबक महाकौशल के हर लोकसभा सीट पर खड़े कांग्रेस के उम्मीदवारों को
सिखाया। यहां तक कि एक उपचुनाव में छिंदवाड़ा के ताड़नहार कमल नाथ को भी भाजपा के
सुंदर लाल पटवा ने धूल चटवा दी थी। वर्तमान में नरसिंहपुर, मण्डला और छिंदवाड़ा
पर कांग्रेस तो जबलपुर और बालाघाट पर भाजपा का कब्जा है।
यहां उल्लेखनीय
होगा कि लोकसभा में ही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सांसद पुन्नू लाल माहोले द्वारा
मण्डला से छिंदवाड़ा रेल खण्ड के अमान परिवर्तन के बारे में प्रश्न पूछा गया था।
माहोले के पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4502 के जवाब में 25 अगस्त 2005 को तत्कालीन रेल
राज्यमंत्री आर.वेलू ने कहा था कि नैनपुर से छिंदवाड़ा (139.6 किमी) खंड का छोटी
लाईन से बड़ी लाईन परिवर्तन हेतु 2003-04 में सर्वेक्षण किया था, सर्वेक्षण रिपोर्ट
के अनुसार, इस
परियोजना की लागत उस वक्त ऋणात्मक प्रतिफल के साथ 228.22 करोड़ रूपए आंकी गई
थी। यह प्रस्ताव अलाभकारी प्रकृति का होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया था। इसके
बाद इसे ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया था।
यहां एक बात और
महत्वपूर्ण होगी कि एक मर्तबा तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.व्ही.नरसिंहराव द्वारा
भी चुनावी घोषणा के तौर पर परमहंसी आश्रम श्रीधाम में जगतगुरू शंकराचार्य जी के
समक्ष यह कहा गया था कि उनके संसदीय क्षेत्र रहे महाराष्ट्र के रामटेक से गोटेगांव
तक बड़ी रेल लाईन लाई जाएगी। दुर्भाग्य से वे दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बन पाए और
छिंदवाड़ा नैनपुर से इतर रामटेक गोटेगांव की यह घोषणा खालिस चुनावी वायदा बनकर रह
गई।
(क्रमशः जारी)
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