11 माह का प्रेशर, एक माह में पूरी कर रहा वसूली
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। वित्तीय वर्ष भारत सहित पूरे
संसार में मार्च में समाप्त माना जाता है और इस माह बड़ी- बड़ी कंपनियों के साथ
सरकारी विभागों को भी अपना वार्षिक लेखा- जोखा प्रस्तुत करना पड़ता है। इस क्रम में
हमारा पुलिस विभाग भी शामिल रहता है। प्रत्येक वर्ष बाकी महीनों की अपेक्षा अधिकतर
कार्यवाही मार्च के महीने में ही की जाती है। इसे देखकर अनायस ही लगता है कि 11
महीने का सोया कुंभकरण जाग गया। इसका सीधा सा उदाहरण कुछ दिनों से नगर में चल रही
वाहन की चौकिंग से लगाया जा सकता है। माना जाता है कि यातायात महकमा जुआरियों, सटोरियो एवं अन्य अवैध कामों में लिप्त
व्यक्तियों की डाटाशीट तैयार कर उनसे रकम वसूली जाती है। 11 महीने सोने वाले
यातायात को मार्च के महीने में ही क्यों चिंता आती है? यदि ऐसा है तो यातायात विभाग को 11 महीने
की छुट्टी दे देनी चाहिए, क्योंकि
वह अपना काम इस माह ही पूरा करने में लगे रहते हैं।
इन दिनों अपने पूरे शबाब पर चल रही
यातायात व पुलिस विभाग की वाहन चौकिंग की कहीं प्रशंसा तो कहीं निंदा की जा रही
है। नगरवासियों द्वारा इस कार्यवाही की प्रशंसा इसलिए की जा रही है क्योंकि ऐसी
कार्यवाही से जहां वाहन चालकों में सुधार आयेगा, वहीं दुर्घटनाओं में भी लगाम लगेगी। वहीं
दूसरा पहलू निंदा का है, जो
इसलिए भी की जा रही है क्योंकि यदि यातायात विभाग ऐसी कार्यवाही 11 महीने करें तो
उसे 01 माह में इतनी मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नगरवासियों का कहना है
यातायात विभाग अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए मनमाने ढंग से वाहनों को रोक चालानी
कार्यवाही कर रहा है, जिससे
उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारों की माने तो यातायात व
पुलिस विभाग की इस जबरदस्त कार्यवाही का मतलब है प्रेशर। यानि यातायात विभाग को भी
अपने आला अधिकारियों को चालानी कार्यवाही व समन शुल्क की सूचना देनी होती है, जो शायद पूरी न होने के कारण यातायात
विभाग ऐसी कार्यवाही कर रहा है।
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