शनिवार, 9 मार्च 2013

महिला दिवस


महिला दिवस

डिण्डौरी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना डिण्डौरी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन विधिक सहायता प्राधिकरण डिण्डौरी महिला शाकित संगठन पतांजली योग सस्थान डिण्डौरी के नव-गठित महिला सशकितकरण विभाग डिण्डौरी के संयुक्त तत्वधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम अध्यक्षता करते हुए एडीसनल डिसिट्रक्ट जज वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा महिला दिवस पर विधिक सेवा प्रधिकरण द्वारा जागरूकता शिविर लगाकर हम दूर गांव तक महिलाओं के हितों के संरक्षण के लिए बनाये गये कानूनों एवं प्रक्रियाओं की जानकारी उपलब्ध करा रहे है। किसी भी प्रकार के महिला विरोधी उपराध के रोक थाम तथा उससे बचाव के लिए पक्षकार को जरूरी प्रोशित खर्च अधिवक्ता उपलब्ध कराने का कार्य भी विघिक सेवा प्रधिकरण के द्वारा किया जाता है।
श्री मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मनोज तिवारी ने कहा की महिलाओं एवं बच्चों के लिए मौजूदा लाभ ,करने में बाल विकास सेवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। दहेज एवं बाल विवाह संबंधि कानूनों का प्रचार-प्रसार का बहुत जरूरत है। जिला सजिस्टार एवं ग्राम न्यायालय प्रमुख सुरेन्द्र मेश्राम ने विधिक सहायता कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
मुख्य अतिथि श्रीमति सुशीला मार्काे, ने महिलाओं में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के संबंध में चर्चा करते हुए कहा की महिला बाल विकास की सेवाएँ महिलाओं की मजबूती देने के लिए चलाई गई है। गांव-गांव तक महिलाओं के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैै। जिसका लाभ निचले स्तर पर डिण्डौरी जिले में संतोष पूर्ण ढंग से पहुचाया जा रहा है।
सुश्री पुष्पा सिहारे ने सामाज, शासकीय विभाग और आम जनता से महिलाओं की आत्मा निर्भरता पर ध्यान देने के महत्व को रेखांकित किया।
अतिथि वक्ता श्रीमति सुधा जैन, श्रीमति ममता शुक्ला, श्रीमति अनीता उपाध्याय, श्रीमति सपना जैन, श्रीमति लक्ष्मी अहिरवार ने स्व-रचित कविता के साथ नारी शकित का आव्हान किया कि महिलाओं के विरूद्व सामाज में व्याप्त नजरिये को बदलना होगा तथा स्वयं आगे बढ़ कर महिलाओं को अपराधों के विरूद्व जूझना जरूरी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति कल्पना तिवरी, रिछारिया ने कहा कि डिण्डौरी जैसे जिले में महिला जागरूकता बढ़ी है। महिलाएँ अब घरेलू हिंसा के विरूद्व सामने आने लगी है। जिले में 130 महिलाओं ने डी.आई.आर. दाखित कराए है। श्रीमति कल्पना तिवारी ने विभागीय कार्यक्रमों जैसे मोर डुबुलिया, प्रोजेक्ट-प्रोत्साहन, वाहन-चालक प्रशिक्षण, नवाचार जो शुद्व रूप से महिलाओं के लिए क्रियांनवयित किए गए उन्होने चर्चा करते हुए कहा कि महिला कल्याण को लेकर राज्य सरकार सजग एवं सतत कार्यशील है।
सुश्री फिरौजा सिद्वकी एडवोकेट, श्रीमति वसुधा दुबे एडवोकेट, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपनी अभिव्यकियों में कहा की मौजूदा कानूनों के सफल क्रियांनवयन हेतु महिलाओं को स्वयं ही सतर्क और सजग रहना चाहिए।
दिन भर चली संगोष्ठी में श्रीमति मंजूषा शर्मा, श्रीमति सुलभा बिल्लौरे आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का सुभारभं दीप-प्रज्जवलन से हुआ। एवं अतिथियों का स्वागत पर्यवेक्षक श्रीमति दर्शलता जैन, पार्वती धुर्वे, कमला मरावी, तीजा धुर्वे, केतकी परस्ते, तारेश्वरी धुर्वे,कृष्णा धुर्वे, चन्द्रवती मरावी कौतिका धारणे, उर्मिला जंघेला, सुश्री लेखनी दुबे, एन.एस.पूसाम, श्रीमति किरण पटेल, शैलेश दुबें, सलीम अहमद मंसूरी, भवनी शंकर झारिया, सुखराम सिंह परस्ते, धनीराम, ओमकार, सुरेश, नूर मोहम्मद, ने अतिथियों का पुष्प गुच्छो से स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमति दर्शलता जैन एवं आभार प्रदर्शन एस.सी. करवाडे द्वारा किया गया। कार्यक्रम की समापित में दो वर्षीय नन्ही बालिका वेदाषी नन्होटे ने कविता सुनाकर उपसिथजनों का मन मोह लिया।

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