शनिवार, 16 मार्च 2013

कैथल : चार दिवसीय बलवंत सिंह बल्लू मैमोरियल वालीबाल प्रतियोगिता सम्पन्न


चार दिवसीय बलवंत सिंह बल्लू मैमोरियल वालीबाल प्रतियोगिता सम्पन्न

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। वालीबाल सम्राट के नाम से प्रसिद्ध अर्जुन अवार्डी स्वर्गीय बलवंत सिंह बल्लू की याद में कौल में करवाई गई चार दिवसीय आल इंडिया बलवंत सिंह बल्लू मैमोरियल वालीबाल प्रतियोगिता विधिवत रूप से सम्पन्न हो गई। प्रतियोगिता के अंतिम दिन खिलाडिय़ों ने दमखम दिखाया और बड़े रोचक मुकाबले देखने को मिले। बलवंत सिंह स्टेडियम में आल इंडिया बलवंत सिंह बल्लू मैमोरियल वालीबाल प्रतियोगिता के फाइनल मैच में एचएचसी कौल व ओएनजीसी देहरादून के अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए खूब तालियां बटोरी । मुकाबले इतने रोचक था कि प्रतियोगिता का आनंद लेने के लिए न केवल आसपास के दर्जनों गांवों के लोग पहुंचे थे बल्कि कई पड़ोसी जिलों के लोग भी इन मुकाबलों का आनंद लेने के लिए लगातार स्टेडियम में जमे रहे और टकटकी लगाकर उन्होंने इन मुकाबलों का भरपूर लुफ्त उठाया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के चीफ डवेल्पमेंट आफिसर सुशील कुमार आईएएस व मुख्य संसदीय सचिव सुल्तान जडौला ने शिरकत की और चल रहे मुकाबलों का आनंद किया। प्रतियोगिता के मुख्य संरक्षक वालीबाल एशियन गेम के भीम अवार्डी मेहर सिंह ने बताया कि फाइनल में पहुंची एचएचसी कौल व ओएनजीसी देहरादून की टीम के बीच मुकाबला हुआ। ओएनजीसी देहरादून ने एचएचसी कौल की टीम को 25-23, 26-24, 25-20 से हराया। ओएनजीसी देहरादून ने एचएचसी कौल की टीम को पराजित कर ट्राफी पर अपना कब्जा किया। जडौला ने बलवंत सिंह बल्लू ट्रस्ट को 2 लाख 11 हजार रुपए की राशि का योगदान देकर ट्रस्ट के सदस्यों का हौसला बढ़ाया। ओएनजीसी की विजेता टीम को जडौला और सुशील कुमार ने एक लाख रुपए की नकद राशी और उप विजेता एचएचसी कौल की टीम को 71 हजार रुपए की नकद राशी देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व मुख्यातिथि ने अर्जुन अवार्डी स्वर्गीय बलवंत सिंह बल्लू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनकी याद में दो मिन्ट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की।  इस अवसर पर अर्जुन अवार्डी सुरेश कुमार मिश्रा राजस्थान, राजस्थान वालीबाल एसोशियन के उप प्रधान बलदेव सिंहपूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दलबीर सिंह, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी अरुण सूद आदि मौजूद रहे।

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