शनिवार, 16 मार्च 2013

नागपुर : बैंक डकैती के दो आरोपी सिवनी से धरे गए!


बैंक डकैती के दो आरोपी सिवनी से धरे गए!

(आशीष कौशल)

नागपुर (साई)। अकोला एक्सिस बैंक के खजाने की डकैती प्रकरण दो आरोपी एमपी के सिवनी से धर दबोचे गए हैं। इस प्रकरण में हर  नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। 2 करोड़ 36 लाख 50 हजार रुपए के इस डकैती में एक सिपाही के शामिल होने की चर्चा थी। गिट्टड्ढीखदान पुलिस ने सोमवार को पुलिस सिपाही (वर्दीवाला गुंडा) शैलेंद्र उर्फ रवि मसराम और उसके खास दोस्त सचिन श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर वर्धा ग्रामीण अपराध शाखा पुलिस के हवाले कर दिया है। गत दिवस दो अन्य आरोपियों को पुलिस ने एमपी के सिवनी से धर दबोचा है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एमपी के सिवनी से धर दबोचे गए दोनों आरोपियों के नाम रियान बेग और शाकिर हुसैन हैं। पुलिस द्वारा इनके कब्जे से चालीस हजार रूपए भी बरामद किए हैं। इन दोनों आरोपियों पर आरोप है कि इन्होंने लूट के मुख्य षणयंत्रकारियों की मदद की है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि रियान बेग कन्हान के बेग फार्म हाउस के मालिक अकरम का पुत्र है। उक्त दोनों ही आरोपी सिवनी में अपने किसी रिश्तेदार के पास छिपे हुए थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार नागपुर पुलिस ने मुखबिर सूचना के आधार पर इनके रिश्तेदार के घर छापा मारकर दोनंों को धर दबोचा और इन्हें लेकर नागपुर आ गई है।
इसके पहले सोमवार को पुलिस ने तीनों आरोपियों से 30 लाख 40 हजार रुपए व लूट के लिए उपयोग में लाई गई तुषार अर्जुने की पजेरो गाड़ी जब्त की है। अब तक 5 आरोपी वर्धा ग्रामीण पुलिस के हत्थे लग चुके हैं। इनमें से 5 आरोपियों को नागपुर की गिट्टड्ढीखदान की पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
पुलिस सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि पुलिस सिपाही शैलेंद्र मसराम के डकैती में शामिल होने की घटना ने नागपुर पुलिस की वर्दी को दागदार कर दिया है।  आला अफसरों से लेकर कर्मचारी भी स्तब्ध हैं।  एक्सिस बैंक की कैश वैन लूट प्रकरण में सोमवार को गिट्टड्ढीखदान पुलिस के सिर पर आरोपी पुलिस सिपाही सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने का सेहरा बंधा, जिसमें एक संदिग्ध है।  पुलिस ने तीनों आरोपियों को काटोल रोड स्थित एक मकान से गिरफ्तार किया। पता चला है कि सिपाही शैलेंद्र दो सप्ताह से ड्यूटी पर गया ही नहीं था। उसने छुट्टड्ढी ले रखी थी।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि शैलेंद्र पुलिस हेडक्वार्टर में कार्यरत है। इससे पहले वह हफ्ता वसूली के मामले मे निलंबित भी किया जा चुका है। उसके खिलाफ सीताबर्डी थाने में हफ्ता वसूली का मामला दर्ज था।  वर्ष 2008 में उसे दोबारा पुलिस हेड क्वार्टर में वापस बुलाया गया। उस पर कई लोगों से धन उगाही का आरोप लगता रहा है। वह 10 वर्ष पहले पुलिस विभाग में भर्ती हुआ। बताया जाता है कि आरोपियों ने 12 करोड़ की डकैती की योजना कस्तूरचंद पार्क के अंदर चारपहिया वाहन में घटना से दो सप्ताह पहले बनाई थी।

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