साईलो भंडार होंगे
स्थापित
(राजकुमार अग्रवाल)
कैथल (साई)। भारत
सरकार द्वारा हरियाणा में तीन लाख मीट्रिक टन क्षमता के साईलो भंडार स्थापित किए
जाएंगे। ये साईलो भंडार रोहतक, जींद, सोनीपत, करनाल, सिरसा और
कुरूक्षेत्र में 50-50 हजार
मीट्रिक टन क्षमता के बनाए जाएंगे, ताकि प्रदेश में खुले में पड़ा गेहूं खराब
होने की नोबत न आए तथा उसकी गुणवत्ता भी बरकरार रहे। यह जानकारी भारतीय खाद्य निगम के उत्तर क्षेत्र
के कार्यकारी निदेशक श्री सुधीर गर्ग ने आज ढांड में अदानी समूह के साईलो भंडार
क्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि अदानी ग्रुप
द्वारा दो लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता का गोदाम पहले ही भंडारण के लिए उपयोग
किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खुले में भंडारण की गई गेहूं काफी
मात्रा में खराब हो जाती है तथा उसकी गुणवत्ता में भी गिरावट आती है। इस नई तकनीक
से गेहूं की गुणवत्ता बरकरार रहने के साथ-साथ उसे खराब होने से बचाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि हरियाणा प्रदेश प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में दूसरे
स्थान पर है। प्रदेश में गेहूं का भरपूर उत्पादन होने के बावजूद भंडारण की समस्या
आ रही है। इस समस्या के समाधान के लिए नई तकनीक के भंडार बनाए जाएंगे। उन्होंने
बताया कि पिछले वर्ष हरियाणा प्रदेश से 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया गया
था। इस बार यह लक्ष्य 65 लाख मीट्रिक टन से भी बढ़ाया जा सकता है। प्रदेश में 70 लाख मीट्रिक टन
गेहूं का पुराना भंडार है। पिछले साल खुले में कच्चे स्थानों पर 20 लाख मीट्रिक टन
गेहूं का भंडार किया गया था। इस बार भारतीय खाद्य निगम द्वारा पक्के प्लेट फार्म
बनाकर गेहूं का भंडारण के लिए स्थान निर्धारित किए गए हैं। इस बार प्रदेश में 90 लाख मीट्रिक टन
गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
श्री गर्ग ने बताया कि प्रदेश में गेहूं की फसल
उत्तम गुणवत्ता की होती है, लेकिन पोस्ट हार्वेस्टिंग टैक्नोलोजी ठीक न
होने के कारण तैयार गेहूं दूसरे देशों में निर्यात करने में परेशानी आती है। इस
परेशानी को दूर करने के लिए ही प्रदेश में नई तकनीक के भंडार बनाए जाएंगे। इन
भंडारों में जमा गेहूं को निर्यात करने से अच्छी गुणवत्ता की होने के कारण विदेशी
मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी। भारतीय खाद्य निगम के महा प्रबंधक श्री एमएस सहरावत
ने कार्यकारी निदेशक का स्वागत करते हुए बताया कि गेहूं खरीद की व्यवस्था को
सुचारू बनाए रखने के लिए तथा किसान को शोषण से बचाने के लिए गेहूं को न्यूनतम
समर्थन मूूल्य पर सीधे नई तकनीक के भंडारों पर खरीद की जाएगी तथा कमीशन एजैंटों को
अढ़ाई प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुराना गेहूं का स्टाक उठाने के
बाद नए गेहूं का स्टाक पक्के प्लेट फार्मों पर किया जाएगा। उन्होंने सभी खरीद
एजैंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आपसी तालमेल बनाए रखते हुए गेहूं की
गुणवत्ता व सफाई पर विशेष ध्यान दे। बारह प्रतिशत नमी वाला गेहूं न्यूनतम समर्थन
मूल्य पर खरीदा जाएगा। ज्यादा नमी का गेहूं खरीदने से हरियाणा प्रदेश की छवि खराब
होती है, इसलिए
गेहूं उच्च गुणवत्ता का तथा निर्धारित मानकों के अनुसार ही खरीदा जाए। अतिरिक्त उपायुक्त श्री दिनेश सिंह यादव ने
जिला प्रशासन की ओर से कार्यकारी निदेशक व महा प्रबंधक का स्वागत करते हुए कहा कि
क्षमताओं का दोहन करके गेहूं के खराब होने की सभी समस्याओं का नई तकनीक की भंडारण
क्षमता से समाधान होगा। सीधे भंडार में किसान का गेहूं जाने से किसानों के साथ-साथ
आढ़तियों को भी लाभ होगा। इस नई व्यवस्था से गेहूं साफ-सुथरा व गुणवत्ता का होने के
कारण निर्यात करने में मदद मिलेगी। इस नई व्यवस्था से किसानों को भी मंडियों में
कई-कई दिन गेहूं बेचने के लिए रूकने की जरूरत नही पड़ेगी। इस अवसर पर जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक श्री
सुरेंद्र सैनी, साईलो के
प्रबंधक श्री प्रदीप सभ्रवाल तथा जिला कैथल व कुरूक्षेत्र के कांफैड, हैफेड, एग्रो, वेयर हाउस के जिला
प्रबंधक व खरीद एजैंसियों के अधिकारी उपस्थित थे।
वहीं, भारतीय खाद्य निगम
के उत्तर क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक श्री सुधीर गर्ग ने कहा कि किसानों का गेहूं
सीधे साईलो भंडारों में जाने से किसानों को राहत मिलेगी तथा गेहूं की गुणवत्ता को
बरकरार रखने में मदद मिलेगी। इस नई व्यवस्था से कमीशन एजैंटों को भी अढ़ाई प्रतिशत
कमीशन का नियमित भुगतान होगा। श्री सुधीर
गर्ग आज ढांड में अदानी समुह के साईलो भंडार क्षेत्र में खरीद एजैंसियों के
अधिकारियों व कमीशन एजैंटों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गेहूं
की फसल की कटाई के बाद साफ-सुथरा गेहूं खुले में भंडारण से खराब हो जाता है तो
उसमें कई प्रकार के कीड़े लगने से वह खाने के योग्य नही रहता। भंडारण की नई तकनीक
से उसकी गुणवत्ता को कायम रखने में मदद मिलेगी। इन भंडार गृहों से गेहूं को रेल
मार्ग से विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इन भंडार
गृहों में गेहूं लाने के लिए थैले भरने की जरूरत नही पड़ेगी, बल्कि सीधे किसान
टै्रक्टर-ट्रालियों से इन गोदामों तक पहुंचा सकते हैं। मौके पर ही वजन करने के बाद
किसानों को फसल के दाम का तुरंत भुगतान किया जाएगा। इस नई व्यवस्था से कंप्यूटर से
भुगतान होने के कारण किसी प्रकार की कटौती नही होगी तथा मंडियों में लगने वाले
सफाई तुलवाई के लेबर चार्जिज भी नही लगेंगे। इस नई भंडारण क्षमता से गेहूं ज्यादा
से ज्यादा निर्यात किया जा सकेगा। श्री सुधीर गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य
सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद खाद्यान्न वितरण के बाद भी काफी मात्रा में अनाज
सरप्लस रहेगा, ऐसी स्थिति
में नई तकनीक के भंडार इस सरप्लस अनाज के भंडारण में मददगार साबित होंगे। इन
भंडारों में कई वर्षों तक अन्न की गुणवता बरकरार रहने के कारण विदेशों में निर्यात
से विदेशी मुद्रा मिलेगी। बाद में श्री सुधीर गर्ग ने साईलो भंडार का दौरा कर इस
भंडार में तुलाई व लदान की तकनीक का अवलोकन किया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त श्री दिनेश सिंह
यादव, जिला खाद्य
आपूर्ति नियंत्रक श्री सुरेंद्र सैनी, साईलो के प्रबंधक श्री प्रदीप सभ्रवाल तथा
जिला कैथल व .कुरूक्षेत्र के कांफैड, हैफेड, एग्रो, वेयर हाउस के जिला प्रबंधक व खरीद एजैंसियों
के अधिकारी उपस्थित थे।
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