मुकदमा अदालत में
पहुंचता है, तब तक
निर्दोष बन जाता है दोषीः सिब्बल
(सचिन धीमान)
मुजफ्फरनगर (साई)।
न्याय व्यवस्था में सुधार केवल टेक्नॉलाजी के प्रयोग से ही आ सकता है। पुलिस की
डेली डायरी इलैक्ट्रानिक हो सर्वर में पूरी जांच रिकार्ड हो जांच प्रक्रिया
फोरेंसिक लेबोरेट्री से कनेक्ट हो। कोर्ट की प्रक्रिया की वीडियों रिकाडिंग होनी
चाहिए। पुलिस की कार्य प्रणाली में बदलाव से शीघ्र न्याय होगा। उक्त बाते जिला बार
संघ मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित ‘‘स्पीडी ट्रॉयल एण्ड जस्टिस’’ विषय पर बोलते हुए
मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे केन्द्रीय दूर संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कही।
उन्होनंे कहा कि
कपिल सिब्बल ने पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक मुकदमा अदालत
में पहुंचता है, तब तक
निर्दोष दोषी बन जाता है। पुलिस का इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर केवल मौका देखता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच का दायरा टैक्नॉलाजी के अंदर होना चाहिए। पुलिस की
डेली डायरी इलैक्ट्रानिक हो सर्वर में पूरी जांच रिकार्ड हो जांच प्रक्रिया
फोरेंसिक लेबोरेट्री से कनेक्ट हो। कोर्ट की प्रक्रिया की वीडियों रिकाडिंग होनी
चाहिए। पुलिस की कार्य प्रणाली में बदलाव से शीघ्र न्याय होगा।
उन्होंने कहा कि
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए
उन्होंने कहा कि इसमें बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वकालत में भी
मर्यादाएं समाप्त हो रही है। इस पर भी चिंतन करना होगा। एफडीआई की वकालत करते हुए
डिग्री कालेजों में देश में केवल सौ में से चौदह युवा ही पढाई करते है। जिस पर
उन्होंने गंभीर चिन्ता वक्त की। कपिल सिब्बल ने देश में अपराधियों राजनीतिज्ञों और
बिल्डर्स के गठजोड पर भी चिन्ता जताई।
कार्यक्रम में
केन्द्रीय उड्डयन मंत्री चौ. अजीत सिंह ने भी माडर्न टैक्नॉलाजी के इस्तेमाल पर
जोर देते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना की आवश्यकता
बतायी। इनके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट के
पूर्व जस्टिस वेदपाल सिंह ने कहा कि त्वरित न्याय के लिए तहसीलों और जिलों मेें
वरिष्ठ अधिवक्ताओं को जजों के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम की
अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डा. सूरत सिंह ने की। मुजफ्फरनगर जिला बार
संघ के अध्यक्ष राजेश्वर दत्त त्यागी ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम
में सांसद संजय चौहान भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में
मुख्य रूप से सहदेव त्यागी, महीपाल सिंह वर्मा, अमित त्यागी, सुरेन्द्र सिंघल, ब्रजपाल सिंह वर्मा, राजदीप काकरान, राजीव कुमार शर्मा, संदीप, विरेन्द्र, नेत्रपाल सिंह
वर्मा, यशपाल
राठौर, पूर्व
अध्यक्ष ठा. अनूप सिंह, नरेश कुमार त्यागी, देवकीनन्द शर्मा, योगेश मलिक, दुष्यन्त त्यागी
सहित हजारों अधिवक्ता मौजूद रहे।
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