शनिवार, 13 अप्रैल 2013

सूत्रों से नाराज है एनआईए


सूत्रों से नाराज है एनआईए

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। गृह मंत्रालय के अंदर से अंदरूनी खबरें मीडिया में बाहर आने पर सियासत गरमाने लगी है। हिजबुल आतंकी होने के आरोपी लियाकत शाह को लेकर गृह मंत्रालय के कथित सूत्रों द्वारा मीडिया को दी जा रही जानकारी से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के आला अफसर खासे नाराज हैं।
एनआईए के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिस तरह यह प्रचारित किया जा रहा है कि एनआईए लियाकत के खिलाफ आतंक से जुड़े आरोपों पर जोर नहीं देगी और उसकी जमानत में मदद करेगी, इससे एजेंसी की इमेज खराब हो रही है।
एनआईए के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस मामले में जांच के सिलसिले में एक टीम फिलहाल कश्मीर में है। जांच चालू रहने के दौरान ही यह कहना बेबुनियाद है कि एनआईए लियाकत शाह की रिहाई में मदद करेगी। अगर दिल्ली पुलिस की ओर से लियाकत पर लगाए गए आरोप सच पाए गए तो एनआईए कानून के मुताबिक ही काम करेगी। अधिकारी ने यह भी माना कि लियाकत का मामला एनआईए को नहीं सौंपा जाना चाहिए था। अगर सरकार को दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर शक था तो उसे उसकी ही किसी दूसरी इकाई से जांच करानी चाहिए थी।
गौरतलब है कि मामले की जांच एनआईए को मिलने के बाद से ही मीडिया में गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से यह खबरें आ रही हैं कि एनआईए लियाकत के खिलाफ आतंकवादी होने जैसे गंभीर आरोपों पर जोर नहीं देगी और उसकी जमानत का विरोध नहीं करेगी। इसी के कारण एनआईए अफसर नाखुश हैं।
दिल्ली पुलिस ने नेपाल के रास्ते भारत आ रहे लियाकत शाह की गिरफ्तारी के बाद राजधानी के एक गेस्ट हाउस से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किए थे। पुलिस का दावा था कि लियाकत होली से पहले दिल्ली में धमाके करने की फिराक में था। उसने यह गिरफ्तारी अपने श्सूत्रोंश् की सूचना पर की थी। हालांकि, लियाकत के कश्मीर में रह रहे परिजनों ने दावा किया था कि वह आत्मसमर्पण करने के लिए भारत लौट रहा था। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस मुद्दे को उठाया था। बाद में विवाद बढ़ता देख गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी। 

कोई टिप्पणी नहीं: