लोकसभा चुनावों के
बाद सत्ता पर काबिज होगी भाजपा: सतपाल मलिक
(सचिन धीमान)
मुजफ्फरनगर (साई)।
जानसठ रोड स्थित बैंकट हॉल में भाजपा नेताओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के
उपाध्यक्ष सतपाल मलिक ने विचार रखते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा
पूर्ण बहुमत के साथ देश की सत्ता पर काबिज होगी। हाल के वर्षों में कई दल बदल चुके
तथा हाल ही में भाजपा के उपाध्यक्ष बने सतपाल मलिक का भाजपा कार्यकर्ताओं ने
जोरदार स्वागत किया।
भारतीय जनता पार्टी
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतों को लुभाने के
लिए आतुर है। पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े जाट नेता सतपाल मलिक को
पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर संदेश दे दिया है। सतपाल मलिक की पहचान छात्र
राजनीति से शुरू हुई थी। इसके बाद किसान नेता स्व. चौधरी चरण सिंह के सान्निध्य
में उन्होंने राजनीति की एबीसीडी सीखी। सतपाल मलिक की गिनती अच्छे वक्ताओं में की
जाती है। चौ. चरण सिंह के समय पार्टी की अंदरूनी राजनीति का शिकार हुए सतपाल मलिक
ने लोकदल छोड़ कांग्रेस व उसके बाद भाजपा की ओर रूख किया। वे पिछले काफी समय से
भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय है। अपने राजनीतिक कैरियर में विधायक, सांसद रहते हुए वे
केंद्रीय सरकार में भी मंत्री पद पर विराजमान रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट
बिरादरी का अच्छा खासा प्रभाव है। इन मतों पर रालोद मुखिया चौ. अजित सिंह अपना
दावा करते रहे है। लेकिन जाट मतों पर उनकी पकड़ कमजोर होती आ रही है। ऐसा नहीं है
कि सौ के सौ प्रतिशत जाट मतदाता अजित सिंह के इशारे पर ही वोट डालते है। अजित सिंह
के गढ में जाटों ने कई बार उनके प्रत्याशियों को हराकर यह संकेत दिया है कि जाट
बिरादरी अजित सिंह की बंधुआ मजदूर नहीं है। एक बार तो बागपत में स्वयं अजित सिंह
को हार का मुंह देखना पडा था।
भाजपा द्वारा सतपाल
मलिक को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ
हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व
मध्यप्रदेश में भी जाटों को पार्टी के साथ जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
पिछले दिनों गांव कुटबा में भाजपा के युवा नेता डा. संजीव बालियान द्वारा किसान
रैली आयोजित की गई थी जिसमें भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकडी ने सभा को
सम्बोधित किया था। किसानों की भारी भीड़ देखकर भाजपा के नेता उत्साहित थे। अभी
चुनाव में लगभग एक वर्ष का समय बचा है। यदि भाजपा ने अपनी रणनीति में परिवर्तन
करते हुए जाटों को यह विश्वास दिलाने में कामयाबी हासिल कर ली कि भारतीय जनता
पार्टी उनके हितों को संरक्षण देने में पीछे नहीं हटेगी तो निश्चित रूप से भाजपा
का ग्राफ बढे़गा।
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