मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

मीसाबंदियों की सम्मान-निधि में बढ़ोत्तरी


मीसाबंदियों की सम्मान-निधि में बढ़ोत्तरी



(अंशुल गुप्ता)

भोपाल (साई)। मंत्रि-परिषद ने आज मीसाबंदियों को देय सम्मान-निधि में बढ़ोत्तरी का निर्णय भी लिया है। सम्मान-निधि में बढ़ोत्तरी का लाभ अधिसूचना जारी होने की तिथि से मिलेगा। देश में आपातकाल की कालावधि के दौरान मध्यप्रदेश के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा/डीआईआर के अधीन निरुद्ध व्यक्तियों को राज्य शासन द्वारा सहायता देने के लिये श्लोक नायक जयप्रकाश नारायण सम्मान-निधि नियम-2008 में संशोधन करते हुए सम्मान-निधि में यह वृद्धि की गई है।
अब एक माह अथवा एक माह से अधिक तथा 6 माह तक की कालावधि में निरुद्ध व्यक्तियों को 10 हजार तथा 6 माह से अधिक कालावधि में निरुद्ध व्यक्तियों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह सम्मान-निधि मिलेगी। मीसा/डीआईआर के अधीन राजनैतिक एवं सामाजिक कारणों से निरुद्ध जिन व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है और जिन्हें मृत्यु पूर्व सम्मान-निधि मंजूर नहीं हुई थी, ऐसे मामलों में उनके/उनकी पति या पत्नी को आवेदन करने पर सम्मान-निधि की कुल राशि की आधी राशि पाने की पात्रता होगी।
यह भी निर्णय लिया गया है कि सम्मान-निधि के कई प्रकरणों में जेल/पुलिस तथा जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों में तत्समय का अभिलेख उपलब्ध न होने अथवा जीर्ण-शीर्ण या अपठनीय होने की वजह से मीसा/डीआईआर में निरुद्ध रहे कई व्यक्तियों को प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इस वजह से सम्मान-निधि के संबंध में उनके आवेदन का निराकरण होने में दिक्कतें आ रही हैं, उनके लिये मौजूदा नियमों में संशोधन कर नये प्रावधान जोड़े गये हैं। नये प्रावधानों के अनुसार जहाँ जेल, पुलिस थाना तथा जिला मजिस्ट्रेट का निरुद्धी संबंधी शासकीय रिकार्ड उपलब्ध नहीं है, केवल ऐसे मामलों में आवेदक के साथ जेल में निरुद्ध रहे किन्हीं दो मीसा/डीआईआर के अधीन राजनैतिक एवं सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्तियों के शपथ-पत्र/प्रमाणीकरण को मान्यता दी जायेगी।
इस प्रमाणीकरण को कुछ जिले के लोकसभा या विधानसभा के वर्तमान या भूतपूर्व सदस्य द्वारा अनुसमर्थित कराना जरूरी होगा। यदि जेल में जाने या रिहाई का एक रिकार्ड मौजूद है और जेल प्रमाणित करता है कि शेष रिकार्ड जेल में उपलब्ध नहीं है तो ऐसी स्थिति में कम से कम एक माह का निरोध माना जाकर तद्नुसार सम्मान-निधि मंजूर की जा सकेगी। लोक नायक जयप्रकाश नारायण सम्मान-निधि के लिये आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर अब 31 मार्च, 2012 की गई है। नवीन स्वीकृत प्रकरणों में सम्मान-निधि का लाभ जिला मजिस्ट्रेट/मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी मंजूरी आदेश की तिथि से मिलेगा।
कैबनेट में यह फैसला भी लिया गया कि सतना जिले में वन्य-प्राणी रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। मंत्रि-परिषद ने वन्य-प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन के मक़सद से सतना जिले के मुकुन्दपुर के मांद फारेस्ट ब्लॉक में चिड़ियाघर तथा वन्य-प्राणी रेस्क्यू सेंटर की स्थापना का निर्णय भी लिया है। इसके लिये केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण तथा सर्वाेच्च न्यायालय की अनुमति मिल चुकी है। करीब 10 करोड़ रुपये लागत की यह योजना आगामी 2 वर्षों में क्रियान्वित होगी। इस सेंटर के माध्यम से इस क्षेत्र में सफेद बाघ तथा वन्य-प्राणियों की अन्य महत्वपूर्ण प्रजातियों के संरक्षण और संवर्धन में मदद मिलेगी और विंध्य क्षेत्र में पाये गये घायल/अस्वस्थ तथा अनाथ वन्य-प्राणियों को वहाँ रखा जा सकेगा। इस रेस्क्यू सेंटर की स्थापना से स्थानीय लोगों में वन्य-प्राणियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता आयेगी, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व प्रदेश का पहला रेस्क्यू सेंटर वर्ष 2006 में वन विहार भोपाल में स्थापित किया गया था। इस रेस्क्यू सेंटर में सर्कस और मदारियों से छुड़ाये गये शेर, बाघ, भालू आदि विभिन्न वन्य-प्राणियों को रखा जाता है तथा बीमार और घायल वन्य-प्राणियों की चिकित्सा व्यवस्था की जाती है।
शराब से आंशिक तौबा करते हुए कहा गया है कि अब आने वाले चालू माली साल में शराब की नई दुकान नहीं खोली जाएगा। मंत्रि-परिषद ने आज यह निर्णय लिया कि वर्ष 2012-13 में प्रदेश में कहीं भी शराब की नई दुकान खोलने की मंजूरी नहीं दी जायेगी। देशी-विदेशी मदिरा दुकानों की संख्या मौजूदा व्यवस्था के अनुरूप रहेगी। इसके साथ ही देशी मदिरा का प्रदाय जिले की मांग के अनुरूप 50 प्रतिशत काँच की बोतलों में किया जायेगा। देशी और विदेशी मदिरा दुकानों के आरक्षित मूल्य में 20 प्रतिशत वृद्धि का निर्णय भी लिया गया है। बेसिक लायसेंस फीस नगर निगम क्षेत्रों के लिये वार्षिक मूल्य का 60 प्रतिशत तथा अन्य क्षेत्रों के लिये 55 प्रतिशत होगी।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पापीस्ट्रा के थोक लायसेंस के लिये आरक्षित मूल्य में 10 फीसदी वृद्धि का निर्णय लिया है। इसके अलावा पापीस्टा क्रय में किसानों के हित-संवर्धन की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा भारत सरकार को पत्र भेजने पर भी सहमति हुई है। इसके साथ ही साथ मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के बाहर स्थित शासकीय परिसम्पत्तियों के प्रशासन, प्रबंधन, संरक्षण और निपटारे की व्यवस्था के संबंध में भी निर्णय लिये हैं। इनमें आगरा स्थित 17.85 एकड़ भूमि के साथ ही झाँसी स्थित विश्रामगृह की भूमि जिसका क्षेत्रफल 63,500 वर्गमीटर है और जिसके निर्मित भवन का क्षेत्रफल 632.64 वर्गमीटर है, इनके साथ-साथ इलाहाबाद स्थित मध्यप्रदेश राज्य की 32 सम्पत्तियों के निवर्तन की कार्यवाही की जायेगी। इनमें से आगरा की परि-सम्पत्तियों के निवर्तन के लिये संभाग आयुक्त चंबल (मुरैना संभाग) को तथा झाँसी स्थित राज्य की सम्पत्ति के संबंध में संभागीय आयुक्त ग्वालियर को और इलाहाबाद स्थित सम्पत्तियों के संबंध में संभाग आयुक्त रीवा को अधिकृत किया जायेगा। संभाग आयुक्तों द्वारा अपनी अनुशंसा लोक निर्माण विभाग को भेजी जायेगी। इसके पश्चात सम्पत्तियों के विक्रय के संबंध में प्राप्त दरों का अनुमोदन मंत्रि-परिषद से कराया जायेगा।
मंत्रिपरिषद ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम-2011 में पड़ौसकी परिभाषा में किये गये संशोधन का अनुमोदन भी किया है। इस संशोधन से बच्चों को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के उनके संवैधानिक अधिकार अब आसानी से मिल सकेंगे। इस संशोधन द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक बसाहट की एक किलोमीटर की परिधि में यदि 40 बच्चे पढ़ने के लिये उपलब्ध होंगे तो वहाँ प्राथमिक शाला खोल दी जायेगी। इसी प्रकार बसाहट से 3 किलोमीटर की परिधि में 12 बच्चे उपलब्ध होने पर माध्यमिक शाला की सुविधा मिलेगी।
मंत्रि-परिषद ने राज्य-स्तरीय कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान में स्वीकृत अपर संचालक के पद को संचालक के पद में उन्नयन करने को भी मंजूरी दी है। अब संस्थान के संचालक का पद किसान-कल्याण तथा कृषि विकास के स्तर के अनुरूप अपग्रेड किया गया है। इससे यह संस्थान अपने उद्देश्यों की पूर्ति सफलतापूर्वक कर सकेगा, वहीं कृषिगत क्षेत्रों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं, क्षमता निर्माण के संबंध में भविष्य की माँग के अनुरूप अपनी प्रभावी भूमिका का निर्वाह कर उत्कृष्ट संस्थान के रूप में पहचान बनायेगा।
मंत्रि-परिषद ने कोलार नहर संभाग नसरुल्लागंज के अधीन परियोजना उप-संभाग क्रमांक-21 में पदस्थ सेवानिवृत्त सहायक ग्रेड-2 श्री आर.आर. संतोषी से शासन को हुई 90,951 रुपये की हानि की वसूली एवं उनकी देय पेंशन में से 50 प्रतिशत पेंशन 10 वर्ष के लिये काटे जाने का निर्णय लिया।

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