नेताजी की नजरें 7, रेसकोर्स पर
भूलने की बीमारी हो गई है मुलायम सिंह को
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। समाजवादी क्षत्रप मुलायम सिंह यादव की ढलती उम्र उनके लिए अब रोड़ा बनकर उभर रही है। यही कारण है कि बंधु बांधवों के भारी विरोध के बावजूद भी मुलायम सिंह ने अपने पुत्र अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश की सूबाई राजनीति में महिमा मण्डित कर स्थापित करने का जतन किया है। मुलायम ने युवा अखिलेश को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया है।
मुलायम के करीबी सूत्रों का कहना है कि नेताजी चाहते हैं कि अब पार्टी की कमान भी अखिलेश ही थामें। दरअसल, मुलायम सिंह यादव की ढलती उम्र उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बनती जा रही है। सूत्रों के अनुसार मुलायम गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। यही कारण है कि मुलायम सिंह यादव ने अपनी राजनैतिक विरासत को अपने पुत्र अखिलेश यादव को हस्तांतरित करना आरंभ कर दिया है।
मुलायम के करीबी एक वरिष्ठ सपाई नेता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि मुलायम सिंह यादव की बस एक ही तमन्ना बाकी बची है और वह है 7, रेसकोर्स (प्रधानमंत्री आवास) को अपना आशियाना बनाना। सूत्रों की मानें तो मुलायम अब बेहद जल्दी में नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव को ढलती उम्र के कारण अब भूलने की बीमारी भी हो चुकी है। उनकी याददाश्त बेहद कमजोर हो गई है पर इस बीमारी को उन्होंने बखूबी छिपाकर रखा है।
सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी के क्षत्रप मुलायम सिंह यादव प्रधानमंत्री बनने के लिए वर्ष 2014 के आम चुनावों का इंतजार नहीं करने की स्थिति में हैं। संभवतः यही कारण है कि वे त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी और राकांपा के क्षत्रप शरद पंवार को साधने में जुटे हुए हैं। मुलायम मध्यावधि की बात कर रहे हैं जिससे इन अफवाहों को बल मिल रहा है कि वे जल्द चुनाव कराकर उत्तर प्रदेश में मजबूती के साथ उभरकर पीएम बनने की दावेदारी पेश कर सकते हैं।
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