मेयर के लिए महिलाओं के बीच संघर्ष चरम पर
(आकाश कुमार)
नई दिल्ली (साई)। राजधानी की तीनों नगर निगमों में मेयर के पद हेतु भागदौड़ शुरू हो गई है। नॉर्थ व ईस्ट नगर निगम में बीजेपी पूर्ण बहुमत में है और उम्मीद की जा रही है कि साउथ निगम में भी पार्टी निर्दलियों के साथ मिलकर सत्ता हासिल कर लेगी , इसलिए तीनों निगमों में बीजेपी पार्षद को ही मेयर का पद मिलेगा।
एमसीडी नियमों के अनुसार पांच साल के कार्यकाल में पहला साल मेयर का पद महिला के लिए रिजर्व है , इसलिए तीनों निगमों से चुनी गई महिलाओं और उनके अपनों ने इस पद के लिए भागदौड़ शुरू कर दी है। वैसे बीजेपी में जो जातीय समीकरण हैं , उस हिसाब से इस बात की संभावना प्रबल है कि प्रदेश की लीडरशिप इस पद के लिए जाट , बनिया व पंजाबी समुदाय में तालमेल बैठाने का प्रयास करेगी।
उत्तर दिल्ली से साई ब्यूरो ने बताया कि नॉर्थ नगर निगम में बीजेपी को शानदार बहुमत मिला है। यहां की 104 सीटों में से पार्टी को 59 सीटें मिली हैं। बताते हैं कि बीजेपी से बागी होकर चुनाव जीतने वाले पार्षद भी पार्टी का दामन थाम सकते हैं , लेकिन यह तभी होगा , जब पार्टी उनका पूरा सम्मान करेगी। बीजेपी सूत्रों के अनुसार मेयर पद के लिए उसी महिला पार्षद को तरजीह दी जाएगी , जिसने दूसरी बार एमसीडी का चुनाव जीता हो। इस लिहाज से निवर्तमान मेयर प्रो . रजनी अब्बी , रेखा गुप्ता , मीरा अग्रवाल का नाम शामिल है। लेकिन इस निगम में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की पत्नी डॉ . शोभा विजेंद्र भी चुनकर आई हैं , इसलिए उनकी दावेदारी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। देखना यह है कि इनमें से किसका पलड़ा भारी रहता है। इनमें से रेखा गुप्ता को संगठन का भी अनुभव है। वह पार्टी की जिलाध्यक्ष भी हैं।
शेष बचे क्षेत्र के इस निगम में बीजेपी को फिलहाल बहुमत नहीं मिला है। इस निगम के 104 वॉर्ड में से पार्टी को 43 सीटें मिली हैं। बहुमत के लिए उसे 10 पार्षदों की दरकार है। पार्टी दावा कर रही है कि उसे शीघ्र बहुमत मिल जाएगा। इस निगम के लिए तीसरी बार जीतने वाली सरिता चौधरी व सविता गुप्ता में मेयर पद को लेकर खासी टक्कर हो सकती है। खास बात यह है कि इन दोनों पर प्रदेश पार्टी नेताओं का हाथ है। वैसे इस निगम में पहली बार शिरोमणि अकाली दल से चुनी गई सतविंदर कौर सिरसा भी अपनी दावेदारी कर सकती हैं। संभावना है कि अकाली दल मेयर पद के लिए बीजेपी से उनके लिए यह पद मांग कर सकता है।
इधर पश्चिम में इस निगम में बीजेपी ने अप्रत्याशित रूप से अपना परचम लहराया है जबकि पार्टी नेता तक इस निगम पर अपनी हार तय मान रहे थे। इस निगम में पार्टी के पास महिला के रूप में कोई बड़ा नाम नहीं है , लेकिन मेयर पद तो यहां से जीती गई महिलाओं में से ही चुनना है , इसलिए दूसरी बार चुनी गई लता गुप्ता , सत्या शर्मा , ऊषा शास्त्री में से किसी को मेयर पद से नवाजा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि इस नगर निगम में आरएसएस नेताओं की ही चलेगी। यमुनापार में संघ के नेताओं का खासा जमावड़ा है , इसलिए जिस महिला पार्षद पर संघ की मेहरबानी होगी , उसे मेयर पद दिया जा सकता है।
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