न्यूयार्क में एमपी
सरताज! जनसंपर्क नहीं कर रहा आवाज!
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)।
मध्य प्रदेश सरकार की रीति नीति उपलब्धियों आदि के लिए पाबंद मध्य प्रदेश का
जनसंपर्क महकमा इन दिनों अपने मूल काम से इतर आपसी विवाद सुलझाने में ही लगा हुआ
है। आज दुनिया के चौधरी अमरीका के न्यूयार्क में मध्य प्रदेश को सम्मानित किया
जाने वाला है और एमपी का पब्लिसिटी डिपार्टमेंट मुंह सिले बैठा हुआ है।
प्राप्त जानकारी के
अनुसार न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस पर 23 जून को मध्यप्रदेश
को सम्मानित किया जाएगा। मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू करने वाले
राज्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संयुक्त राष्ट्र संघ अवार्ड
प्राप्त करने के लिए मध्य प्रदेश से लोक सेवा प्रबंधन राज्य मंत्री बृजेन्द्र
प्रताप सिंह, प्रमुख
सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग इकबाल सिंह बैंस और विभाग के उप सचिव मनोहर दुबे
न्यूयार्क रवाना हो गये।
संयुक्त राष्ट्र की
जनरल बॉडी के अध्यक्ष से अवार्ड लेने के साथ ही मध्यप्रदेश का दल 27 जून को
अंतरमंत्रालय सम्मेलन (इंटरमिनिस्ट्रियल कान्फ्रेंस) में भी हिस्सा लेगा। यह
अवार्ड उत्तरदायी लोक प्रशासन, नवाचार और प्रोफेशनल एफीसिएन्सी के लिए दिए
जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय
प्रविष्टियों में से मध्यप्रदेश के इस अधिनियम को ‘इम्प्रूविंग दि
डिलेवरी आफ पब्लिक सर्विसेस’ श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार मिल रहा है।
संयुक्त राष्ट्र को वर्ष 2012 के लिए पूरे विश्व से 471 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। अधिकृत
सूत्रों ने आम जनता को सुगम और सरल तरीके से लोक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश
में लागू किए गए इस कानून को संयुक्त राष्ट्र का यह अवार्ड मिलनस मध्यप्रदेश के
लोगों के लिए गर्व की बात कहा है।
सूत्रों ने बताया
कि संयुक्त राष्ट्र के लोक सेवा के विशेषज्ञों की समिति ने 15 सितंबर से 31 दिसंबर, 2011 तक अपनी प्रक्रिया
के तहत विश्लेषण के बाद गत माह यह परिणाम घोषित किए थे। इसके लिए मध्यप्रदेश के
लोक सेवा गारंटी विभाग की ओर से भी प्रविष्टि भेजी गई थी।
संयुक्त राष्ट्र
संघ ने अपने प्रस्ताव द्वारा 23 जून को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस पर
पुरस्कार प्रदत्त करना घोषित किया। इस पुरस्कार का उद्देश्य स्थानीय, राष्ट्रीय और
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोक सेवा के मूल्यों और गुणात्मकता को प्रोत्साहित करना
है। इसमें विश्व स्तर पर नवाचारों को पुरस्कार के रूप में मान्यता और सम्मान दिया
जाता है।
लोक सेवा गारंटी
अधिनियम के तहत प्रदेश में अब तक करीब सवा करोड़ आवेदन प्राप्त हुए हैं। मध्यप्रदेश
में इस अधिनियम के तहत विनिर्दिष्ट सेवाएं समय पर नहीं प्राप्त होने पर जहां
नागरिकों को प्रतिकर का भुगतान किया जाता है वहीं दोषी अधिकारियों पर जुर्माना भी
लगाया जाता है।
मध्यप्रदेश में लोक
सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 336 लोक सेवा केन्द्र
पीपीपी माडल के तहत शीघ्र प्रारंभ किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी
अधिनियम के तहत 16 विभागों
की 52
लोक-सेवाओं को शामिल किया गया है। इन्हें प्रदान करने के लिए समय-सीमा निर्धारित
की गई है।
मजे की बात यह है
कि मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा मध्य प्रदेश की इतनी महत्वपूर्ण
उपलब्धि पर समाचार ही जारी नहीं किया गया है। कहा जा रहा है कि जबसे समाचार और
विज्ञापन का प्रभार बदला है तबसे जनसंपर्क संचालनालय में सभी की दिलचस्पी समाचारों
के माध्यम से प्रचार प्रसार के बजाए विज्ञापन की मलाई खाने में ज्यादा हो गई है।
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