सिंधिया कमल नाथ को
नहीं एमपी की परवाह!
(आकाश कुमार)
नई दिल्ली (साई)। मध्य
प्रदेश कोटे से केंद्र में मंत्रीपद की मलाई चखने वाले दो कांग्रेसी क्षत्रपों कमल
नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने ही सूबे की पवारह नहीं है। कहने को बार बार
भाजपा के सूबाई मंत्रियों के आने पर अरबों रूपयों की सौगातें देकर मीडिया की
सुर्खियां अवश्य ही इन मंत्रियों द्वारा बटोर ली जाती हैं, किन्तु इनमें से
प्रदेश सरकार की झोली में अब तक कितना गया है इस बारे में प्रदेश की शिवराज सिंह
चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी मौन ही साधे हुए है।
प्रदेश के प्रति
केंद्रीय मंत्री कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बेरूखी हाल ही में हुए
पासपोर्ट मेले से साफ हो जाती है। ज्ञातव्य है कि पासपोर्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए देश के सात शहरों में
पासपोर्ट मेले का आयोजन किया जा रहा है। दो दिन के इस मेले का आयोजन दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, अमृतसर, बंगलूर, चेन्नई और हैदराबाद
में किया गया है। इनमें मध्य प्रदेश का शुमार नहीं किया गया है।
अतिरिक्त सचिव बंसत
कुमार गुप्ता ने कहा कि नई दिल्ली में सवेरे साढ़े ग्यारह बजे तक ही ढाई हजार से
अधिक लोग भीकाजी कामा प्लेस के पासपोर्ट सेवा केन्द्र में जमा हो गये थे। आज लोगों
की संख्या और बढ़ सकती है। पासपोर्ट मेले
के लिए पहले से मुलाकात का समय लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन आवेदक को
स्वयं जाकर आवेदन करना होगा।
केंद्र की छोटी बड़ी
योजनाओं को मध्य प्रदेश और अपने संसदीय क्षेत्र में सबसे पहले लाने का दावा करने
वाले इन दोनों की केंद्रीय मंत्रियों ने पासपोर्ट के मामले में चुप्पी कैसे साधी
गई यह आश्चर्य का विषय है। वहीं उत्तर प्रदेश में लखनऊ और गाजियाबाद में मेला लगना
भी आश्चर्य को ही जन्म दे रहा है।
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