कोल आवंटन
में गड़बड़ी नहीं: केंद्र
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली
(साई)। टीम अण्णा और प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच अब कोल ब्लाक को लेकर तकरार तेज
हो गई है। टीम अण्णा पीएम को इस मामले में घेर रही है तो पीएमओ अब बचाव की मुद्रा में
आता दिख रहा है। पीएम के सन्यास लेने की बात पर भी कहा जाने लगा है कि अगर यह हुआ तो
हर भ्रष्टाचारी पकड़े जाने या साबित होने पर सन्यास लेकर अपनी खाल बचा लेगा।
केन्द्र
सरकार ने स्पष्ट किया है कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। टीम
अन्ना ने आरोप लगाया था कि जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास कोयला मंत्रालय का प्रभार
था उन दिनों यह कथित गड़बड़ी हुई । कोयला मंत्रालय ने एक-एक करके इन आरोपों का खंडन किया
और कहा कि आवंटन की प्रक्रिया में पूरी तरह ईमानदारी बरती गई थी। समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को इस तरह का एक बयान प्राप्त हुआ है।
मंत्रालय
द्वारा जारी सात सूत्री बयान में कहा गया है कि १९९३ में कोयला खदान राष्ट्रीयकरण अधिनियम
१९७३ में संशोधन के बाद निजी कंपनियों द्वारा अपने इस्तेमाल के लिए कोयला ब्लॉकों का
आवंटन शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य विशिष्ट उपयोगों के लिए निजी निवेश को आकर्षित
करना था।जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था विकसित हुई, कोयले की मांग भी बढ़ी और यह महसूस
किया गया कि केवल कोल इंडिया लिमिटेड की इस मांग को पूरा नहीं कर सकेगी इसलिए निजी
क्षेत्र की भूमिका पर गौर किया गया।
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