नहरों
पर नहाना वर्जित
(अनेशा वर्मा)
करनाल
(साई)। नहर में नहाने से जहां गंदे पानी के कारण स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है,वहीं पानी में बहने की घटना होने
की भी आशंका बनी रहती है। इसी के मद्देनजर करनाल जिले में नहरों पर नहाने में दो माह
तक पाबंदी लगा दी गई है। जनता के लिए जिलाधीश रेनू एस फुलिया ने अपराध संहिता 1973 की धारा 144 लागू की है। यह आदेश आज
से आरम्भ होकर आगामी दो मास तक प्रभावी रहेंगे।
इस संबंध
में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि करनाल की जिलाधीश ने आदेशों में
कहा है कि गर्मी के मौसम को देखते हुए बच्चे नहरों में नहाते हैं, जबकि नहरों का पानी काफी
गंदा होता है जिसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और नहर के पानी का बहाव
इतना तेज होता है जिससे कई बार बच्चे या स्नान करने वाले व्यक्ति के बह जाने की घटना
हो जाती है, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है।
आदेशों
में जिलाधीश ने इन्द्री वाटर सप्लाई डिवीजन व करनाल वाटर डिवीजन के कार्यकारी अभियंता
को निर्देश दिए हैं कि वे नहरों के आस पास ऐसे सूचना बोर्ड लगाएं, जिन पर नहरों में नहाने पर
पाबंदी के निर्देश लिखे हों और आदेशों की अवहेलना करने पर सूचना बोर्डाे पर दिए जाने
वाला दंड भी अंकित हो।
उन्होंने
आदेशों में जिला के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे समय-समय पर नदियों के आस पास
क्षेत्रों में नजर रखें, कोई व्यक्ति व बच्चा नहरों में ना नहाएं। आदेशों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ
भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
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