गुरुवार, 7 जून 2012

हामिद को सोनिया की ना!

हामिद को सोनिया की ना!

मुस्लिम राष्ट्रपति के पक्ष में नहीं हैं सोनिया


(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई) । इस साल जुलाई में रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के भवन को पांच साल के लिए नया मालिक मिलने वाला है। इसके लिए गुपचुप तरीके से जोड़तोड़ आरंभ हो गई है। इस दौड़ में वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी दौड़ में शामिल हैंपर कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी मुस्लिम प्रधानमंत्री के लिए राजी नहीं बताई जा रही हैं।
देश भर के अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिमों को लुभाने के लिए देश के प्रथम नागरिक की आसंदी पर मुस्लिम व्यक्ति को बिठाने की कवायद पर अब ठहराव आता दिख रहा है। रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के निवास के लिए दौड़ तो जमकर चल रही है पर इसमें से वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम फेहरिस्त से गायब बताया जा रहा है।
सियासी फिजां में चल रही चर्चाओं के अनुसार मुस्लिम प्रत्याशी को इस पद के लिए सोनिया के रेड सिग्नल का कारण यह बताया जा रहा है कि मुसलमानों के हिमायमती समझे जाने वाले समाजवादी पार्टी के क्षत्रप इसका सारा श्रेय ले उड़ेंगे। इसी डर के चलते सोनिया द्वारा अल्पसंख्यकों की नाराजगी मोल लेने का जोखिम भी उठाया जा रहा है। सिर्फ मुलायम के श्रेय्रश् लेने के डर से मुसलमान राष्ट्रपति पर सोनिया की ना को लेकर अब सियासत गर्माने लगी है।
कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रपति के चयन के बारे में स्पष्ट गाईड लाईन बता दी गई है। मुलायम को साफ कर दिया गया है कि कांग्रेस के अंदर मुसलमानों की कमी नहीं है। कहा जा रहा है कि इसी के चलते मुलायम सिंह यादव की पहली पसंद एस.वाई,कुरैशी का पत्ता भी काट दिया गया है।
खबरों के अनुसार मुलायम को कहा गया है कि अगर देश को मुस्लिम राष्ट्रपति देना ही होगा तो इसका फैसला सोनिया गांधी ही करेंगीं। हामिद अंसारी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार ना बनाने की स्थिति में मुसलमानों की नाराजगी से निपटने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर रखी है।
अगर मुसलमानों को प्रसन्न करने की बात आई तो उपराष्ट्रपति पद के लिए सैफुद्दीन सोज या रहमान खान का नाम आगे कर कांग्रेस बैलेंस बराबर कर सकती है। इस बात की भनक शायद रहमान खान को लग गई है तभी उन्होंने मुस्लिम संगठनों के साथ लाबिंग आरंभ कर दी है। खान इन दिनों अल्पसंख्यक संगठनों के सीधे संपर्क में बताए जा रहे हैं।

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