कलमाड़ी के 27 तक भारत छोड़ने पर
पाबंदी
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के बर्ख्वास्त अध्यक्ष सुरेश
कलमाड़ी को २०१२ के ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए लंदन जाने
से रोक दिया है। अदालत ने कहा है कि कलमाड़ी के लंदन जाने से देश को शर्मिन्दगी
उठानी पड़ सकती है।
कार्यवाहक मुख्य
न्यायाधीश ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंड लॉ ने कलमाड़ी पर २७ जुलाई तक
देश छोड़ने पर भी रोक लगा दी है । लेकिन अदालत ने यह अंतर्राष्ट्रीय एथेलीट्स
परिसंघ पर छोड़ दिया है कि वह अदालत के आदेश पढ़ने के बाद परिसंघ की बैठक में भाग
लेने की कलमाड़ी की अर्जी पर क्या फैसला करें। अदालत ने कलमाड़ी पर लंदन से जाने से
रोक लगाने का आदेश एक वकील की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में कहा गया था कि
कलमाड़ी के खिलाफ २०१० के राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े आपराधिक मामलों को देखते हुए
उन्हें लंदन ओलंपिक में भाग लेने से रोका जाए।
भ्रष्टाचार के
आरोपों में आकंठ डूबे कॉमनवेल्थ गेम्स
ऑर्गनाइजिंग कमिटी के पूर्व प्रमुख सुरेश कलमाड़ी के लंदन ओलिंपिक के उद्घाटन
समारोह में शामिल होने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा। दिल्ली हाई कोर्ट ने न
केवल उनके आधिकारिक तौर पर लंदन ओलिंपिक में शामिल होने पर रोक लगा दी बल्कि यह भी
कहा कि वह 27 जुलाई से
पहले भारत नहीं छोड़ सकते।
दिल्ली हाई कोर्ट
ने बुधवार को दिए फैसले में कहा कि कलमाड़ी आधिकारिक तौर पर किसी भी खेल के
कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते। अदालत ने 27 जुलाई से पहले
उनके भारत छोड़ने पर भी रोक लगा दी। इससे पहले मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के
बाद अदालत ने बुधवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब है कि इस
मामले में दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि चूंकि कलमाड़ी पर करप्शन के गंभीर
मामले चल रहे हैं,
इसलिए उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय समारोह में भारत का
प्रतिनिधित्व करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। जनहित याचिका ऐडवोकेट राहुल मेहरा
ने दायर की थी।
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