अपराधियों को पकड़ने
के साथ बेरोजगारी दूर करेगी पुलिस
(प्रतिभा सिंह)
पटना (साई)। बिहार
के बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को राज्य पुलिस मुख्यालय की पहल पर कुकिंग, ड्राइविंग व शूटिंग
की ट्रेनिंग दी जायेगी। ‘थ्री इन वन’ ट्रेनिंग से बड़े शहरों में इन्हें रोजगार के
नये अवसर मिलेंगे। वे नियोक्ता के लिए लजीज खाना बनायेंगे, उनके बच्चों को
स्कूल ले जायेंगे,
वापस आकर नियोक्ता व उनके परिवार के सदस्यों के बॉडीगॉर्ड के
रूप में सेवा दे सकेंगे। बड़े शहरों में हरेक काम के लिए अलग-अलग स्टाफ रखने की जगह
एक ही व्यक्ति को अधिक वेतन पर रख कर सेवा लेने का प्रचलन बढ़ा है।
ऐसे व्यक्तियों को
राज्य पुलिस की ओर से उनके नाम, गांव व चरित्र से संबंधित चरित्र सत्यापन
प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा ताकि नियोक्ताओं को उन्हें नियोजित करने में कोई
परेशानी न हो। पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारियों के अनुसार, सामान्य
पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चयनित किये गये बेरोजगार युवाओं को राइफल, पिस्टल चलाने की
ट्रेनिंग दी जायेगी। छह सप्ताह की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें शूटिंग रेंज पर ले
जाया जायेगा। प्रशिक्षण के बाद इन्हें कानूनी तौर पर नियोक्ता के लाइसेंसी हथियार
के इस्तेमाल के लिए ‘ली टेनर’ की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
पुलिस प्रशासन ऐसे
बेरोजगारों के किसी अपराध में संलिप्त नहीं होने, उनके स्वच्छ आचरण व
व्यवहार को लेकर प्रमाणपत्र भी देंगे। ड्राइविंग सिखाने के लिए उन्हें पुलिस
ट्रेनर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही बीएमपी के रसोइयों के सहयोग से उन्हें
खाना बनाना सिखाया जायेगा।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार राज्य पुलिस मुख्यालय की ओर से इस संबंध में विस्तृत
कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसका मुख्य उद्देश्य रोजगार उपलब्ध कराना है। कम
पढ़े-लिखे युवकों को बड़े शहरों में प्रशिक्षण व चरित्र सत्यापन प्रमाणपत्र के अभाव
में रोजगार नहीं मिल पाता है, ऐसे में वे वापस अपने गांव-शहर में लौट कर
छोटे-बड़े अपराध में संलग्घ्न हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें समाज की मुख्यधारा में
बनाये रखने की दिशा में पुलिस प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है।
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