बाजार में दिखने
लगा रमजान का सुरूर
(संतोष पारदसानी)
भोपाल (साई)। ईद की
खरीदारी करने में,
जो खुशी मिलती है, उसका कहना ही क्या! खरीदारी करने के बहाने
रुठने-मनाने का भी खूब दौर चलता है। सब्जीबाग में यह दृश्य आपको देखने मिल
जायेंगे। मुन्ने को कुरता पसंद नहीं आया, तो उसे दुकान पर ही मनाने का ही सिलसिला शुरू
है, तो कोई
नाराज अब्बू को खुश करने के लिए टोपी खरीद रहा है। सेवइयों और कुरते-टोपी की दुकान
पर भीड़ बढ़ रही है। हमारे लाइफ रिपोर्टर ने जानने की कोशिश की कि कैसी-कैसी खरीदारी
हो रही है।।
ईद ज्यों-ज्यों
करीब आती जा रही है। बाजार में एक से बढ़ कर एक सामान देखने को मिल रहे हैं। यूं तो
खरीदारी का सिलसिला जोहर की नमाज (दोपहर) के बाद ही शुरू हो जाता है, लेकिन मार्केट में
रौनक, तो शाम को
दिखती है। यहां सामानों की एक से बढ़ कर एक वैराइटी मौजूद है। मार्केट में सौ रुपये
से लेकर ढाई सौ रुपये तक की सेवइयां उपलब्ध है।
शाम के साढ़े पांच
बज रहे थे, जिधर नजर
गयी दुकानों में पीली, उजली, घी कलर और नारंगी सेवइयों से मार्केट सजे हुए थे। ऐसे तो
मार्केट में और भी सामान उपलब्ध थे, लेकिन ज्यादा भीड़ सेवई के दुकानों में ही
लगी थी, क्योंकि ये
मार्केट में नये आये हुए हैं। बकौल दुकानदार मोहसिन खास तौर पर ये सेवइयां ईदी
देने के लिए लोग खरीदते हैं।
पुराने भोपाल में
सजी दुकानों में स्थानीय तौर पर तैयार की गईं और बाहर से बुलाई गईं सेवइयों की
बिक्री खूब हो रही थी। 50 रुपये पैकेट रूमाली सेवइयां बिक रही थी। खरीदारी करने आये
अफसर मियां ने बताया कि ये एक अलग तरह की सेवई होती है, जिसे चाशनी में
बनायी जाती है। सारे दुकानों में इसके अलावा लच्छा सेवई और घी की सेवइयों की कई
वैराइटी को लोग अभी से ही खरीद रहे हैं।
शाम के 6 बज चुके थे, लेकिन अब भी कई
दुकानों में भीड़ खत्म नहीं हो रही थी। अभी रमजान के शुरूआत होने से कुछ ही दिन हुए
हैं, लेकिन अभी
से ही आकर्षक ऑफर ने मार्केट में दस्तक दे दिया है। मार्केट में कुरता
की कीमत 300 से लेकर 700 तक है। यहां कुछ
एक दुकानों में दो या तीन कुरता खरीदने पर दुकानदार टोपी या एक कुरता फ्री में दे
रहे हैं।
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